सावन के तीसरे सोमवार को प्रदेशभर के शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
सावन के तीसरे सोमवार को प्रदेशभर के शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
हरिद्वार। सावन के तीसरे सोमवार पर धर्मनगरी सहित पूरे प्रदेश में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह से श्रद्धालु कतार में लगकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। ऐसी मान्यता है कि सावन में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से हर मनोकामना पूरी होती है। सावन में शिव भक्तिों को विशेष फल मिलने की भी मान्यता है।
हरिद्वार में भगवान शिव के ससुराल कनखल में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी रही। सावन के माह और उसपर तीसरा सोमवार होने के चलते बड़ी संख्या में शिवभक्त यहां भगवान शंकर का जलाभिषेक करने आए। दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी का कहना है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना का खास महत्व माना जाता है. क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शिव को काफी पसंद होता है। कहा जाता है कि भगवान शिव को सावन के सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से हर मुराद पूरी होती है। कहा कि कनखल में भगवान शंकर का ससुराल है, यहां हर सोमवार को गंगा जल, दूध, दही, शहद, बुरा धतूरा,घी, भाग आदि से अभिषेक करने का महत्व है। श्रवण नक्षत्र में ही मां गंगा भगवान शिव की जटाओं में आई थी। इसलिए इस मास में मां गंगा के जल का महादेव के ऊपर अभिषेक का विशेष महत्व है। भगवान शंकर ने दक्षेश्वर महादेव के रूप में एक माह स्वयंभू लिंग के रूप में रहने का वचन दिया था। सावन में उनके द्वारा किए गए वादे के अनुरूप भगवान शंकर दक्षेश्वर महादेव मंदिर यानी अपने ससुराल हरिद्वार में रहते हैं।