उत्तराखंड कांग्रेस में बवाल, धारचूला विधायक हरीश धामी भाजपा में हो सकते हैं शामिल, देहरादून रवाना
धारचूला के विधायक हरीश धामी के भाजपा में जाना लगभग तय माना जा रहा है। धारचूला, गोरीछाल व अन्य ब्लाक अध्यक्षों सहित सभी ने कांग्रेस की प्राथमिकता सदस्यता और पदों से त्यागपत्र दे दिए हैं। विधायक धामी देहरादून को निकल चुके हैं। क्षेत्र में कांग्रेस छोडऩे वालों का सिलसिला जारी है।विधायक धामी से भाजपा में शामिल होने की बात पूछी गई तो तो उन्होंने स्पष्ट तो कुछ नहीं कहा। पर यह कहते हुए संकेत दिया कि उनको जिताने वाली जनता और पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं चाहेंगे वही वह करेंगे।
धामी ने कांग्रेस पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में उनकी लगातार उपेक्षा हो रही है। पूर्व में जब कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हुआ तो उन्हें जो पद मिला था उसमें सबसे नीचे उनका नाम था। बाद में भी उन्हें केवल नाममात्र का पद दिया गया।विधायक धामी ने कहा कि कांग्रेस पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के प्रति नकारात्मक सोच रखती है। उनकी उपेक्षा करती है। वह स्वयं पूर्व सैनिक परिवार से हैं। उनके स्व. पिता ने 1971 का भारत पाक युद्ध लड़ा था। कांग्रेस ने हमेशा सैनिक पृष्ठभूमि वाले परिवारों की उपेक्षा की है।
धामी ने कहा कि उन्होंने 31 वर्षो बाद धारचूला सीट कांग्रेस के खाते में डाली। अपनी सीट छोड़ कर पूर्व सीएम हरीश रावत को चुनाव लड़ा कर विजयी बनाया।2017 में जब पूरे देश सहित उत्तराखंड में मोदी लहर चल रही थी उस समय भी मैनें जीत दिलाई। जिले की तीन सीटें भाजपा के खाते में गई थी, तब भी धारचूला सीट कांग्रेस के खाते में डाली।कांग्रेस में उनकी लगातार उपेक्षा से सीमांत के कांग्रेस कार्यकर्ता मायूस हैं। इस उपेक्षा से खिन्न होकर सभी ब्लाक अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों ने त्याग पत्र दे दिए हैं।
हल्द्वानी से देहरादून जा रहे धामी से उनके फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिस जनता और कार्यकर्ताओं ने उन्हें जीत दिलाई है। उनके जो आदेश होंगे वही वह मानेंगे। मंगलवार को धारचूला , मुनस्यारी क्षेत्र में जो हुआ है उससे लगता है कि धामी के भाजपा में जाने के कयास सच साबित होंगे।हरीश धामी के समर्थन में पीसीसी सदस्य हीरा चिराल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया। उन्होंने कहा कि ईमानदार और समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। भाजपा में जहां युवा चेहरों को अवसर दिया जा रहा है, वहीं कांग्रेस युवाओं को दरकिनार कर रही है। अब यह बर्दाश्त नहीं होगा। सीमांत की उपेक्षा नहीं सहेंगे।