संघ की दो टूक- सच छुपाया नहीं जा सकता, ऐतिहासिक तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में रखने का वक्त आया

संघ की दो टूक- सच छुपाया नहीं जा सकता, ऐतिहासिक तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में रखने का वक्त आया

बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी बहस के बीच आरएसएस ने अपनी दो टूक राय दी है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने कहा है कि सचाई को छुपाया नहीं जा सकता है। ऐतिहासिक तथ्यों को समाज के सामने सही परिप्रेक्ष्य में रखने का वक्त आ गया है।

आरएसएस के कार्यक्रम ‘देवर्षि नारद पत्रकार सम्मान समारोह’ को संबोधित करते हुए अंबेकर ने कहा कि ‘ज्ञानवापी मुद्दा चला रहा है। मैं मानता हूं कि इन्हें बाहर आने देना चाहिए। किसी भी मामले में सच हर हाल में सामने आकर रहता है। आप कब तक उसे छिपा सकते हैं? मैं यकीन करता हूं कि समय आ गया है जब ऐतिहासिक तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में समाज के सामने रख दिया जाना चाहिए।’

बता दें, कोर्ट की निगरानी में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी के साथ सर्वे सोमवार को पूरा हो चुका है। मामले में हिंदू पक्षकार सोहनलाल आर्य ने सोमवार को दावा किया कि सर्वे कमेटी को मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है। आर्य कोर्ट द्वारा गठित सर्वे टीम में शामिल हैं। उन्होंने निर्णायक सबूत होने का भी दावा किया था।

सर्वे समाप्त होने के बाद वाराणसी की कोर्ट ने जिला कलेक्टर कौशल राज शर्मा को निर्देश दिया है कि जहां शिवलिंग मिला है, उस स्थान को सील किया जाए और वहां लोगों को जाने से रोक दिया जाए। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मंगलवार को कहा कि शिवलिंग वाले इलाके को सुरक्षित कर दिया जाए, लेकिन यह ध्यान रखा जाए कि मुस्लिम समुदाय का नमाज का अधिकार बाधित न हो।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने निचली कोर्ट को निर्देश दिया कि वह शुक्रवार तक मामले में आगे कार्यवाही न करे। शीर्ष कोर्ट शुक्रवार दोपहर तीन बजे केस की सुनवाई करेगी।

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