कांग्रेस ने बजट को लेकर सरकार पर किए तीखे प्रहार, कहा- उत्तराखंड पर पांच साल में 70 हजार करोड़ हो गया ऋण

कांग्रेस ने विधानसभा में बीते रोज प्रस्तुत किए गए 2022-23 के बजट को लेकर सरकार पर तीखे प्रहार किए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि भाजपा की पिछली सरकार के पांच साल के कार्यकाल में प्रदेश पर ऋण का बोझ 70 हजार करोड़ रुपये बढ़ा है।
विधानसभा में बुधवार शाम बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर प्रश्न खड़े किए। बीते दिन वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट भाषण में पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में केंद्रीय योजनाओं और बाह्य सहायतित परियोजनाओं के मद में राज्य को अधिक सहायता मिलने का उल्लेख किया था।
पलटवार करते हुए आर्य ने कहा कि 2017 तक प्रदेश पर ऋण का बोझ 33 हजार करोड़ तक सीमित था। भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में इसमें वृद्धि हुई है। भाजपा शासनकाल में ऋण का बोझ बहुत बढ़ गया है।
चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति तक राज्य पर ऋण व देनदारी बढ़कर 1.17 लाख करोड़ हो जाएगी। राज्य सकल घरेलू उत्पाद के 25 प्रतिशत तक ऋण की सीमा को उत्तराखंड पार कर चुका है।
उन्होंने कहा कि ऋण और ब्याज देने में ही इस वर्ष 11,575 करोड़ खर्च होंगे। विकास कार्यों पर खर्च के लिए सरकार के पास मात्र 700 करोड़ की राशि शेष रहेगी। उन्होंने विभिन्न विभागों के कम बजट खर्च, बेरोजगारी दर में वृद्धि को लेकर सरकार को घेरा। कांग्रेस विधायकों सुमित हृदयेश व विक्रम सिंह नेगी ने भी विचार रखे।
पहली बार विकास कार्यों के लिए सर्वाधिक धन: चौहान
सत्तापक्ष की ओर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने बजट को सराहा। उन्होंने कहा कि बजट में विकास कार्यों के लिए पहली बार सर्वाधिक धन की व्यवस्था की गई है। महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए विभिन्न योजनाओं में ब्याजमुक्त ऋण की व्यवस्था की गई है। मुद्रा योजना का महिलाएं अधिक लाभ उठा रही हैं। गांवों और शहरों में गरीब वर्ग को पेयजल संयोजन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।सरकार ने बजट में बाजार की उन्नति और व्यवसाय के विकास को प्राथमिकता दी है। सड़कों का तेजी से विस्तार प्रदेश के विकास का इंजन साबित होने जा रहा है। विधायक राम सिंह कैड़ा व डा मोहन सिंह बिष्ट ने भी बजट चर्चा में भाग लिया। बजट पर चर्चा गुरुवार को भी जारी रहेगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।