हरिद्वार में भर्ती घोटाले की होगी SIT जांच, सदन में विपक्ष की मांग पर सरकार ने की जांच की घोषणा
हरिद्वार जिला सहकारी बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की एसआईटी से जांच कराई जाएगी। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठे अनुपूरक प्रश्न पर सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सदन में एसआईटी जांच का एलान किया। सहकारिता विभाग में चतुर्थ श्रेणी पदों में भर्ती घोटाले का मामला सदन में देर तक गूंजता रहा।विभागीय मंत्री की ओर से एसआईटी जांच की घोषणा के बाद विपक्षी सदस्य शांत हुए। विभागीय मंत्री ने इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा भी सदन में रखा। उन्होंने कहा कि सहकारिता में पारदर्शिता के साथ भर्तियां हुई हैं, जहां भी अनियमितता की शिकायत मिली है, उसकी जांच कराई गई है।
बृहस्पतिवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में विधायक प्रीतम सिंह ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सहकारिता में चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती में अनियमितता की शिकायतें सामने आई हैं। इस मामले में सरकार ने दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की। जवाब में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 2016-17 में जिला सहकारी बैंक हरिद्वार में हुई भर्तियों में अनियमितता की बात सामने आई थी।इसके बाद नौ लोगों को बर्खास्त किया गया। इसके अलावा तत्कालीन प्रभारी जिला सहायक निबंधक, महाप्रबंधक की दो वेतन वृद्धि रोकी गई और प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। साथ ही पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक हरिद्वार और प्रबंध कमेटी के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।
पहले सेवा मंडल करता था भर्तियां
इसके तहत हाईस्कूल में प्रथम श्रेणी अभ्यर्थी को 15 अंक, द्वितीय को 13 अंक, तृतीय को 11 दिए जाने की व्यवस्था की। इसके अलावा बैंकों में पहले से आउटसोर्स पर काम कर रहे अभ्यर्थियों का दस अंकों का अधिमान दिया गया। खेलों में राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों को पांच से तीन और शारीरिक दौड़ पर दस अंक देने की व्यवस्था की गई। जबकि साक्षात्कार के लिए दस अंक देने की व्यवस्था की गई।
433 पदों के लिए आए 47 हजार आवेदन