सरकारी नौकरी के लिए युवाओं को चरित्र सत्यापन के लिए नहीं पड़ेगा भटकना

सरकारी नौकरी के लिए युवाओं को चरित्र सत्यापन के लिए नहीं पड़ेगा भटकना

उत्तराखंड सरकार ने सेवा का अधिकार के तहत नौकरियों के लिए चरित्र सत्यापन समेत दो अन्य सेवाओं में प्रमाण पत्र देने की अवधि घटा दी है।  वहीं, कई अन्य सेवाओं में अफसरों के जिम्मेदारी तय कर दी है। सोमवार से कार्मिक एवं सतर्कता सचिव शैलेश बगोली ने आम लोगों को समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूर्व के आदेश में संशोधन किया है।

पहले रोजगार के लिए चरित्र सत्यापन बनाने को राजस्व पुलिस और नागरिक पुलिस को 45 दिन का वक्त प्रमाण पत्र जारी करना होता था। अब इस अवधि को घटाकर 30 कार्य दिवस कर दिया था। इससे अभ्यर्थियों को कुछ हद तक राहत मिलेगी। इसी तरह स्टांप विक्रेता लाइसेंस पहले 30 दिन में अनिवार्य बनाने के निर्देश थे।

जिसे अब अपर जिलाधिकारियों को 20 दिन में अनिवार्य रूप से जारी करना होगा। नवीन लाइसेंस भी 30 दिन के बजाय अब 15 दिन में बनाना होगा। जाति प्रमाण पत्र, निवास, हैसियत, सामान्य चरित्र प्रमाण, आय, उत्तरजीवी, स्वतंत्रता संग्राम, सेनानियों के आश्रितों के प्रमाण पत्र जारी करने की अवधि घटाई।

तो नहीं लेकिन संबंधित अफसरों के निस्तारण की अवधि को तय कर दिया। उदाहरण के तौर पर पहले जैसे जाति प्रमाण पत्र 15 दिन के भीतर जारी करना होता था, लेकिन इस अवधि में संबंधित आवेदन पत्र को कौन अफसर कितने दिन के भीतर निस्तारित करेगा। इसका भी प्रावधान कर दिया है।

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