ईपीएफ अंशदान जमा नहीं कराने पर नोटिस

ईपीएफ अंशदान जमा नहीं कराने पर नोटिस

संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान जमा नहीं करने पर क्षेत्रीय ईपीएफओ आयुक्त ने केंद्र और राज्य सरकार के सैकड़ों सरकारी विभागों समेत एक हजार से अधिक कंपनियों को नोटिस जारी किया है। केंद्र सरकार के बड़े विभागों में इंदिरा गांधी नेशनल फारेस्ट एकेडमी, एलआईसी, देहरादून कैंट बोर्ड, आईटीबीपी आदि शामिल हैं।

वहीं, राज्य सरकार के विभागों में उत्तराखंड सचिवालय, कृषि निदेशालय, उद्योग निदेशालय, जिलाधिकारी कार्यालय, शिक्षा विभाग, मत्स्य निदेशालय, नगर निगम, एमडीडीए, सिंचाई विभाग, जलनिगम, यूजेवीएनएल, यूपीसीएल, वन विभाग, परिवहन निगम आदि शामिल हैं। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि सरकारी विभागों और कंपनियों को नोटिस जारी कर एक निश्चित फॉर्मेट में कर्मचारियों का ब्योरा मांगा गया है।

इसमें कर्मचारियों की संख्या, ईपीएफ अंशदान जमा नहीं कराने को लेकर जानकारियां देनी होंगी। उन्होंने बताया कि सर्वे ऑफ इंडिया जैसे कई सरकारी विभागों ने नोटिस के जवाब में इन जानकारियों को उपलब्ध करा दिया है। अयुक्त की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद तमाम सरकारी, गैर सरकारी और एनजीओ कर्मचारी प्रदाता कंपनियों के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

केंद्र सरकार के इन विभागों को नोटिस

आधार कार्ड सेंटर, एयरफोर्स सिलेक्शन बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड, सीजीएचएस, कैंट बोर्ड, एफआरआई, सर्वे ऑफ इंडिया, पोस्ट ऑफिस, प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ डिफेंस, जीआईएस टेक्नोलॉजी सेंटर, आईटीबीपी, ओएनजीसी, एनएचपीसी लिमिटेड, बीआरओ, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज, पावरग्रिड कारपोरेशन, टीएचडीसी, बीएसएनएल, आईआईटी रुड़की, प्रोजेक्ट डिवीजन, आईओसी, भेल, एम्स ऋषिकेश, भारतीय वन्यजीव संस्थान, एनआईबीएच, रेल विकास निगम लिमिटेड, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, बीपीसीएल, सीबीआरआई रुड़की, एनबीसीसी आदि।

राज्य सरकार के इन विभागों को भेजा नोटिस

आरटीओ, उत्तराखंड सचिवालय, उद्योग निदेशालय, जिलाधिकारी कार्यालय, शिक्षा विभाग, सेवायोजन कार्यालय, मत्स्य पालन, होमगार्ड, सिंचाई विभाग, खाद्य विभाग, उत्तराखंड लोकायुक्त कार्यालय, एमडीडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सूचना भवन, राज्य निर्वाचन आयोग, परिवहन विभाग, यूपी राजकीय निर्माण निगम, राज्य विद्युत नियामक आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग, जलसंस्थान, उत्तराखंड जलविद्युत निगम, मेट्रो रेल कारपोरेशन, पेयजल निगम, यूपीसीएल, यूसेक, जैव विविधता बोर्ड, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, परिवहन निदेशालय, वन विभाग, जलसंस्थान, परिवहन निगम, विजिलेंस, जलागम परियोजना, जिला सैनिक बोर्ड, उत्तराखंड सिविल एविएशन, राजाजी टाइगर रिजर्व।

इन बैंकों और निजी कंपनियों को नोटिस

इलाहाबाद बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, ओबेराय मोटर्स, रिलायंस जियो, ब्रिज एंड रूफ कंपनी, हरिद्वार नेचुरल गैस लिमिटेड, श्री सीमेंट, अल्ट्राटेक सीमेंट आदि।

केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों, दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के ईपीएफ में कटौती के साथ ही उसे ईपीएफओ में नहीं जमा कराया जा रहा है। ऐसे में प्रिंसिपल एंपलॉयर की जिम्मेदारी बनती है कि वह जिस कंपनी के जरिये कर्मचारियों की नियुक्ति कराते हैं, उसके जरिये ना सिर्फ ईपीएफ जमा कराएं बल्कि इसकी जानकारी भी दें। इसीलिए तमाम सरकारी विभागों के साथ ही कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है।

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