प्रवासियों के लिए शुरू की गई थी स्वरोजगार योजना

प्रवासियों के लिए शुरू की गई थी स्वरोजगार योजना

प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (एमएसवाई) से रोजगार के द्वार खुले हैं। पिछले दो साल में योजना के तहत लक्ष्य से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। जिनमें विभिन्न बैंकों के माध्यम से परियोजनाओं को ऋण उपलब्ध कराया गया। कोविड महामारी के कारण उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की थी।

योजना में कुशल और अकुुशल लोगों को सेवा, विनिर्माण और व्यापार क्षेत्र में काम धंधा शुरू करने के लिए बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सरकार की ओर से परियोजना लागत का 15 से 25 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने योजना के तहत 5100 लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा था।

इसके सापेक्ष 5834 परियोजनाओं को विभिन्न बैंकों ने ऋण के लिए स्वीकृत किया है। योजना में विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख, सेवा और व्यापार क्षेत्र में परियोजना लागत की अधिकतम सीमा 10-10 लाख है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी तीन हजार लक्ष्य के सापेक्ष 3100 आवेदनों को बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया गया।

स्वरोजगार के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सफल साबित हो रही है। दो सालों के भीतर योजना में लक्ष्य से अधिक लोगों को स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण उपलब्ध करा कर सरकार की ओर से अनुदान दिया गया। इस योजना को और बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वीकृत परियोजनाएं

जिला   लक्ष्य बैंकों से स्वीकृत आवेदन
नैनीताल 425 413
ऊधमसिंह नगर 340  385
अल्मोड़ा 425 320
पिथौरागढ़ 425 480
बागेश्वर 340 480
चंपावत 425  418
देहरादून 340 461
पौड़ी 425 510
टिहरी  425  477
चमोली 425  627
उत्तरकाशी 425 507
रुद्रप्रयाग 340 369
हरिद्वार 340 387
कुल  5100 5834

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