अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री आवास के बाहर डाला डेरा, जानिए क्यों…
परमानेंट शिक्षकों के प्रमोशन और तबादलों की वजह से हटाए जा रहे अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की सरकारी कोठी के बाहर प्रदर्शन किया। अतिथि शिक्षकों ने सरकार से उनके सुरक्षित भविष्य के लिए ठोस नीति बनाने की मांग की। कहा कि अतिथि शिक्षक जिन पदों पर पिछले कई वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें वहीं पर स्थायी कर दिया जाए। जिस वक्त अतिथि शिक्षक यमुना कालोनी पहुंचे ठीक उसी वक्त शिक्षा मंत्री तिरंगा यात्रा से जुड़ी समीक्षा बैठक के लिए रवाना हो रहे थे। बाद में फोन पर बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। दोपहर दो बजे महानिदेशक-शिक्षा बंशीधर तिवारी से मुलाकात करने के निर्देश दिए।
सुबह करीब नौ बजे से ही अतिथि शिक्षकों का शिक्षा मंत्री के यमुना कालोनी स्थित आवास के बाहर अतिथ शिक्षकों जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। मंत्री के जाने के बाद भी वो घर के बाहर ही घटे रहे। माध्यमिक अतिथि शिक्षक के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि शिक्षा मंत्री से वार्ता के अनुसार महानिदेशक से दो बजे वार्ता की जाएगी। संघ का प्रतिनिधिमंडल सभी बिंदुओं पर वार्ता करेगा। तब बाकी सभी अतिथि शिक्षक आवास के बाहर ही बैठे रहेंगे। भट्ट ने कहा कि सरकार से कई बार अतिथि शिक्षक अपनी पीड़ा कह चुके हैं। हर बार सरकार कार्यवाही की बात करती है लेकिन हुआ कुछ भी नहीं।
चार जुलाई 2021 की कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त न मानने का निर्णय किया था। लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ। सरकार ने वादा किया था कि स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति से हटने वाले अतिथि शिक्षकों का दूसरे स्कूलों में समायोजन किया जाएगा। परंतु कई जगह महीनों महीनों तक समायोजन नहीं किया जा रहा है। इस मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष आशीष जोशी, महामंत्री दौलत जगूड़ी, कोषाध्यक्ष संयज मोहन नौटियाल, पूर्व अध्यक्ष विवेक यादव, हरीश नौटियाल, रेखा रावत, हरीश चौहान, राकेश लाल, राजपाल रावत, छाया कोश्यारी, जितेंद्र गौड़, पुनीत पंत, ललित बिष्ट, इतेंद्र नैथानी, बसंत बोहरा आदि मौजूद रहे।