कुछ तोहफे तो कुछ भरोसे लेकर लौटे मुख्यमंत्री, अब पैरोकारी करने की बारी नौकरशाहों की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नई दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे से देहरादून लौट आए हैं। अपने इस प्रवास में उन्होंने राज्य के विकास से जुड़े कई अहम मुद्दों की पैरवी की और केंद्रीय मंत्रियों से उनकी मंजूरी की मांग उठाई। अपनी झोली में वह कुछ तोहफे लेकर लौटे, लेकिन कुछ मसलों पर उन्हें केंद्र से भरोसा मिला है। सीएम के लौटने के बाद अब इन सभी मसलों की पैरोकारी और उन्हें मंजूरी दिलाने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों से जुड़े अफसरों और नौकरशाहों की है।
मुख्यमंत्री के इस तीन दिवसीय दौरे में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, सचिव लोनिवि आरके सुधांशु व सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम भी साथ थे। जाहिर है कि जिन मसलों पर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की, वे देहरादून लौटकर उन मसलों को परवान चढ़ाने के लिए विभागीय अफसरों के साथ चर्चा करेंगे लेकिन अभी तक यही अनुभव रहा है कि केंद्रीय मंत्रियों से मुख्यमंत्री जिन मुद्दों की पैरवी करते हैं या उन पर सहमति बनाते हैं, फॉलोअप के अभाव में बात आगे नहीं बढ़ पाती है।
बहरहाल, अपने इस दौरे में मुख्यमंत्री सड़क एवं संचार अवस्थापना से जुड़े मसलों पर राज्य के लिए कुछ उम्मीदों के कुछ तोहफे तो ले आए हैं। मिसाल के लिए 1202 मोबाइल टावर स्थापित करने के लिए केंद्रीय संचार मंत्री ने अपनी सहमति दी है। मंत्रालय राज्य में 1202 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, लेकिन यह सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की सक्रियता पर निर्भर करेगा, राज्य में बीएसएनएल कितनी शीघ्रता के साथ टावर स्थापित कर पाता है। इसके लिए विभाग को समय पर प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजने होंगे।
मुख्यमंत्री धामी सड़क अवस्थापना से जुड़े प्रस्तावों में भी कुछ स्वीकृतियां प्राप्त करने में कामयाब रहे हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राजधानी में आउटर रिंग रोड फिजिबिलिटी सर्वे को मंजूरी दे दी है। लंबे समय से सरकार आउटर रिंग रोड के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। गडकरी के आश्वासन से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि राजधानी की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है और इसे कम करने के लिए आउटर रिंग रोड बनाया जाना बहुत जरूरी हो गया है।
सीएम कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों के लिए भी गडकरी से मंजूरी ले आए हैं। पुलिस विभाग में आवासीय सुविधा लिए 500 करोड़ के विशेष पैकेज, रेल कनेक्टिविटी और कई अन्य मसलों पर भी मुख्यमंत्री को भरोसा मिला है। सीएम के लौटने के बाद अब सारा दारोमदार नौकरशाहों और विभागीय अफसरों पर रहेगा कि वे केंद्र से मिले भरोसे को कैसे हकीकत में बदलवा पाते हैं।