सीबीआई, रक्षा संपदा विभाग और कैंट बोर्ड ने खंगाले मोबाइल टावरों के दस्तावेज
सीबीआई, रक्षा संपदा विभाग और कैंट बोर्ड ने सोमवार को देहरादून कैंट क्षेत्र में बिना एनओसी के लगे मोबाइल टावरों का निरीक्षण करने के साथ ही कैंट बोर्ड कार्यालय में टावरों से संबंधित दस्तावेज खंगाले। इस दौरान जिन मोबाइल टावर मालिकों ने सीबीआई और कैंट बोर्ड को अनुबंधपत्र नहीं दिए, उन्हें दो दिन का समय दिया गया है।
कैंट बोर्ड को करोड़ों के राजस्व का नुकसान
अवैध मोबाइल टावरों से कैंट बोर्ड को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा है। अन्य कैंटों में मोबाइल टावरों से लाखों रुपये लाइसेंस शुल्क लिया जाता है, लेकिन दून कैंट में कोई लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाता। हालांकि, अब कैंट बोर्ड ने मोबाइल टावरों के साथ ही होटल, रेस्तरां, लॉज, पेट्रोल पंपों से लाइसेंस फीस वसूलने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिसको अगली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।
सीईओ कैंट बोर्ड अभिनव सिंह ने बताया कि बोर्ड ने पेट्रोल पंपों पर दो लाख प्रति वर्ष, नर्सिंग होम पर 50 हजार, वेडिंग प्वाइंट पर तीन लाख प्रतिवर्ष, बैंकों पर एक लाख प्रतिवर्ष लाइसेंस फीस का प्रस्ताव बनाया है। इसके लिए टीम ने घर-घर जाकर निरीक्षण किया और सभी टॉवर मालिकों को हिदायत दी कि जब से टावर लगाए गए हैं, तब से लाइसेंस फीस ली जाएगी। कुछ मोबाइल टावर मालिकों, होटल और पेट्रोल पंप मालिकों को कैंट बोर्ड के कार्यालय में बुलाया भी गया था।