विजिलेंस की जांच से वन मुख्यालय में हलचल, आईएफस अफसरों से लगातार पूछताछ जारी
कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के मामले में विजिलेंस के अधिकारियों ने लगातार तीसरे दिन भी वन मुख्यालय में डेरा डाले रखा। आईएफस अफसरों से लगातार की जा रही पूछताछ के बाद इस प्रकरण से जुड़े अन्य अधिकारियों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं। वहीं, वन मुख्यालय में जांच को लेकर काफी हलचल है।
कालागढ़ टाइगर रिजर्व के पाखरो में वित्तीय और प्रशासनिक अनुमति मिलने से पहले टाइगर सफारी का निर्माण शुरू करने का आरोप है। पाखरो में 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी के लिए बाड़ों के निर्माण समेत तमाम कार्य किए गए। आरोप है कि कार्य के दौरान मिलीभगत कर तय संख्या से अधिक पेड़ काटे गए और बफर जोन में पक्के निर्माण कर दिए गए। इस मामले में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की टीम ने भी स्थलीय निरीक्षण किया है।
तीसरे दिन कार्बेट टाइगर रिजर्व के पूर्व निदेशक राहुल और अन्य को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। बताते चलें कि नवंबर 2020 में जब पाखरो टाइगर सफारी का काम शुरू हुआ था, उस वक्त विनोद कुमार सिंघल प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव और जेएस सुहाग मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के पद पर कार्यरत थे।
वन मुख्यालय में विजिलेंस की टीम वन अफसरों से बंद कमरे में पूछताछ कर रही है, जबकि बाहर का माहौल हलचल भरा बना हुआ है। हालांकि कोई भी इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, हर कोई इस मामले में अपनी गर्दन बचाने में लगा है। गड़बड़ी के तमाम प्रकरणों को एक-दूसरे पर डालने की कोशिश की जा रही है। मामले की कड़ियों को जोड़ने के लिए विजिलेंस की ओर से वन अफसरों से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है, ताकि पूरे प्रकरण की कड़ियों को जोड़कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की जा सके।