पांच घंटे तक जिला अस्पताल के अंदर एंबुलेंस में पड़ा रहा युवक का शव

पांच घंटे तक जिला अस्पताल के अंदर एंबुलेंस में पड़ा रहा युवक का शव

हरिद्वार के जिला चिकित्सालय में एक नया मामला देखने को मिला जहां चिकित्सकों ने अपने यहां मृत घोषित युवक का शव लेने से ही इंकार कर दिया। एंबुलेंस चालक का कहना है कि वह सुबह पांच बजे अमरोहा से मृतक के शरीर को लेकर जिला अस्पताल आ गया था लेकिन अभी तक 5 घंटे बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने बॉडी को अपने सुपुर्द नहीं लिया।

शुक्रवार को एंबुलेंस द्वारा मृतक की मां बेटे के शव को लेकर अमरोहा गई थी लेकिन अमरोहा में पिता ने शव बेटे का होने से ही इंकार कर दिया और एंबुलेंस चालक को बैरंग वापस लौटा दिया अब एंबुलेंस चालक शव को एंबुलेंस में रख अस्पताल प्रबंधन से शव अपने आजमाने की गुहार लगा रहा है लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह सात बजे बानो निवासी नौगांव, थावर का बाजार अमरोहा उत्तरप्रदेश 22 वर्षीय तस्कीन अहमद को अपना बेटा बताकर 108 द्वारा कलियर शरीफ से जिला चिकित्सालय लाई थी महिला ने युवक को अपना बेटा बताया था जहां चिकित्सकों के उपचार के बावजूद शुक्रवार शाम पांच बजे युवक की मौत हो गई।

बेटे की मौत के बाद महिला ने एंबुलेंस चालक गुलाम नवी निवासी ज्वालापुर की एंबुलेंस से शव को लेकर अमरोहा चली गई। लेकिन महिला जब शव को लेकर घर पहुंची तो उसके पति ने शव बेटे का होने से ही इंकार कर दिया। इस दौरान एकत्र हुए लोगों ने महिला को भी गायब कर दिया और शव वापस ले जाने की बात पर अड़ गए।

मौके पर चालक द्वारा स्थानीय पुलिस भी बुलाई गई लेकिन पुलिस ने भी गुलाम नवी पर दबाव बनाकर शव वापस लेकर जाने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद फरमान शव लेकर सुबह वापस जिला चिकित्सालय पहुंच गया।

लेकिन अस्पताल पहुंचने पर जब यूनीमल की जानकारी चिकित्सकों को दी तो उन्होंने भी साथ गई महिला के बिना शव लेने से साफ इनकार कर दिया। एंबुलेंस चालक सुबह से ही कभी कोतवाली हरिद्वार तो कभी चिकित्सकों के चक्कर काट रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

क्या कहता है चालक: निजी एंबुलेंस का चालक फरमान उर्फ गुलाम नवी का कहना है की शुक्रवार शाम 6:00 बजे उसे शव ले जाने के लिए अस्पताल से फोन आया था जिसके बाद वह सब को लेकर अमरोहा निकल गया था शव के साथ एक महिला भी थी जिसने शव ले जाने के लिए फोन किया था।

रात को सब लेकर जब अमरोहा पहुंचे तो घर वालों ने शव लेने से ही मना कर दिया जबकि महिला को अपने पास रख लिया अमरोहा मैं मैंने ही पुलिस को फोन करके बुलाया लेकिन पुलिस ने भी मुझे बॉडी लेकर वापस जाने को कह दिया मैं सबको लेकर आज सुबह 5:00 बजे जिला चिकित्सालय पहुंच गया लेकिन सुबह से मैं लगातार परेशान हो रहा हूं और दोपहर 11:00 बजे तक भी अस्पताल ने बॉडी मोर्चरी में नहीं रख पाई है।

अपनी परेशानी लेकर बराबर में स्थित कोतवाली में भी पांच पांच बार जा चुका हूं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है अस्पताल के डॉक्टर भी यही कह रहे हैं कि हम सबको नहीं लेंगे तुम पुलिस के पास जाओ और पुलिस यह कह कर टाल दे रही है कि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है शुक्रवार शाम 6:00 बजे से यह टाइम आ गया है और बॉडी मेरी गाड़ी में ही पड़ी हुई है।

क्या कहते हैं चिकित्सक: जिला चिकित्सालय हरिद्वार के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ चंदन मिश्रा का कहना है कि खुर्शीदा नामक मां अपने मृत बेटे का शव लेकर शाम सात बजे यहां से चली गई थी। जब किसी मृतक के साथ परिजन होते हैं तो सब उन को सौंप दिया जाता है अब उनके घर वाले सब ले रहे हैं या नहीं ले रहे हैं।

यह उनकी जिम्मेदारी है ऐसे में बॉडी को वापस लेना भी हमारे लिए संभव नहीं है अंतिम संस्कार उसके घर वालों को ही करना होगा अगर इसमें कोई विवाद है तो पुलिस का सहयोग लेकर निपटाया जाए पुलिस यदि हमें कहती है तो ही हम शव को मोर्चरी में रख सकते हैं एक बार जब शव परिजनों को सौंप दिया जाता है तो उसमें अस्पताल की भूमिका समाप्त हो जाती है।

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