प्रसिद्ध पर्वतारोही सविता को इसी माह जाना था एल्ब्रुस फतह करने, पर मौत ले गई अपने साथ
प्रसिद्ध पर्वतारोही सविता कंसवाल को काल के क्रूर हाथों ने हमेशा के लिए छीन लिया। करीब दो हफ्ते बाद सविता कंसवाल एक और बड़े अभियान पर रवाना होने वाली थीं।
आना था ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी
इससे पहले उन्हें ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी आना था, लेकिन उससे पहले ही द्रौपदी का डांडा में मौत बनकर आए एवलांच ने सविता के साथ ही कई पर्वतारोहियों के प्राण लील लिए।
आनलाइन एमबीए कोर्स में लिया था दाखिला
उत्तरकाशी निवासी सविता कंसवाल ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी की एमबीए की छात्रा थी। कुछ ही माह पहले सविता ने आनलाइन एमबीए कोर्स में दाखिला लिया था। सविता कंसवाल और निम से जुड़े पर्वतारोहियों के हिमस्खलन की चपेट में आकर आकस्मिक निधन से ग्राफिक एरा में शोक छा गया है।
- विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षकों और विभिन्न छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं ने शोक सभा कर सविता और अन्य पर्वतारोहियों के निधन को देश की एक बड़ी क्षति बताया।
किलिमांजारो पर्वत पर ध्वज फहराने की थी योजना
कुलपति डा. संजय जसोला ने शोक सभा में बताया कि सविता ने एवरेस्ट पर विजय के बाद अफ्रीका के किलिमांजारो पर्वत पर ग्राफिक एरा का ध्वज फहराने की योजना बनाई थी। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से वह इस अभियान पर नहीं जा सकीं।
जाना था माउंट एल्ब्रुस पर
इसके बाद उन्होंने माउंट एल्ब्रुस पर देश का ध्वज फहराने की योजना बनाई थी। इस 5642 मीटर ऊंचे शिखर पर पर्वतारोहण का अभियान शुरू करने से पहले 22 अक्टूबर को सविता ग्राफिक एरा आने वाली थीं।
- इसी दिन ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डा. कमल घनशाला उन्हें ध्वज देकर रवाना करने वाले थे, लेकिन हिमस्खलन ने इससे पहले ही सविता को सबसे छीन लिया।
सविता के निधन को बताया अपूरणीय क्षति
ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने सविता और अन्य पर्वतारोहियों के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए दुख व्यक्त किया। डा. घनशाला ने कहा कि सविता ने कम उम्र में एवरेस्ट पर विजय पाकर उत्तराखंड और महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है। उनसे देश को बहुत उम्मीदें थीं। सविता युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा स्रोत थीं, उनके निधन से ग्राफिक एरा परिवार को बहुत आघात पहुंचा है।