मुख्य विकास अधिकारी ने एमबी मशरूम प्लांण्ट, फूड प्रोसेसिंग प्लांण्ट व पॉलीहाउस का किया दौरा

मुख्य विकास अधिकारी ने एमबी मशरूम प्लांण्ट, फूड प्रोसेसिंग प्लांण्ट व पॉलीहाउस का किया दौरा

मुख्य विकास अधिकारी ने एमबी मशरूम प्लांण्ट, फूड प्रोसेसिंग प्लांण्ट व पॉलीहाउस का किया दौरा

हरिद्वार: मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने बुग्गावाला क्षेत्र स्थित नौकराग्राण्ट, सिकरौडा में लेमनग्रास का खेती, एम.बी. मशरूम प्लांण्ट, एम.बी. फूड प्रोसेसिंग प्लांण्ट तथा एम.बी. पॉलीहाउस का विकासात्मक दृष्टि से दौरा किया। साथ ही उन्होंने सिकरौडा में लेमनग्रास की खेती का जायजा लिया|

जिस पर काश्तकारों ने बताया कि इस क्षेत्र के 200 हेक्टेयर में लेमनग्रास की खेती की जा रही है। इसे लगाने के बाद लगभग तीन वर्ष तक इसका उत्पादन लिया जा सकता है तथा जानवर भी लेमनग्रास को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं एवं हर तरह की जमीन में इसकी खेती की जा सकती है।

इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने मौजूदा अधिकारियों को लेमन ग्रास की खेती को कोआपरेटिव के दायरे में लाये जाने तथा इसके उत्पादकों के लिये समय-समय पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाने के निर्देश दिए।

जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी एम.बी. मशरूम प्लांण्ट पहुंचे, जहां उन्होंने पूरे मशरूम प्लांण्ट को बारीकी से देखा। मशरूम प्लांण्ट के निदेशक मनमोहन भारद्वाज तथा अश्विनी कुमार शर्मा ने मुख्य विकास अधिकारी को मशरूम को उगाने की प्रक्रिया-कितने डिग्री मशरूम उगाने के लिये तापमान चाहिये, अधिक से अधिक स्वदेशी तकनीक का प्रयोग, क्या-क्या कच्चा माल चाहिये, फ्लाईऐश कहां से मंगाते हैं, कैसे इसके पैकेट तैयार कर बाजार तक पहुंचाया जाता है, प्लांण्ट से निकलने वाले वेस्ट का निस्तारण कैसे किया जाता है आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।

प्रतीक जैन ने मशरूम प्लाण्ट के निदेशक से मार्केट में मशरूम की खपत के सम्बन्ध में पूछा तो उन्होंने बताया कि मशरूम की मांग मार्केट में काफी अच्छी है तथा हम विदेशों को भी यहां से मशरूम का निर्यात करते हैं। उन्होंने कहा कि हम समय-समय पर मशरूम का उत्पादन करने वालों को प्रशिक्षण भी देते हैं, जिससे मशरूम का अधिक से अधिक उत्पादन करके, जो इसकी निरन्तर मांग बढ़ती जा रही है, उसे पूरा किया जा सके।

मशरूम प्लाण्ट का दौरा करने के पश्चात मुख्य विकास अधिकारी मशरूम प्लाण्ट के निकट स्थित एम.बी. फूड प्रोसेसिंग प्लांण्ट पहुंचे, जहां पर उन्होंने टमाटर, गाजर, मिर्च की प्रोसेसिंग आदि की प्रक्रियाओं को काफी नजदीकी से देखने में दिलचस्पी ली तथा फूड प्रोसेसिंग की प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि और कौन-कौन से प्रोडक्ट आपकी यूनिट में तैयार किये जाते हैं। इस पर फूड प्रोसेसिंग प्लांण्ट के निदेशक ने यहां बनाये जाने वाले उत्पाद के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मुख्य विकास अधिकारी एम.बी. फूड प्रोसेसिंग प्लांण्ट का दौरा करने के पश्चात बादीवाला गांव स्थित एम.बी. पॉलीहाउस पहुंचे। पॉली हाउस के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये वहां के निदेशक ने बताया कि पहले यहां पर पथरीली जमीन थी, जिस पर काफी मेहनत करने के पश्चात, यहां पर ये पॉली हाउस स्थापित किये गये हैं। मुख्य विकास विकास अधिकारी यहां सबसे पहले सीड लैसे खीरा उत्पादित करने वाले पॉली हाउस में पहुंचे, जहां एक निश्चित तापमान पर इस मौसम में भी सीडलैस खीरे की खेती की जा रही है। इसके बाद वे शिमला मिर्च के पॉलीहाउस में पहुंचे, जहां विभिन्न रंगों-हरे, लाल तथा पीले शिमला मिर्च का उत्पादन किया जा रहा है।

पॉली हाउस के निदेशक ने बताया कि यहां उगाई जाने वाली एक शिमला मिर्च का वजन लगभग चार सौ ग्राम तक होता है। इसके बाद वे गोभी पॉलीहाउस पहुंचे, जहां पॉलीहाउस में उगाई गयी गोभी अलग ही छटा बिखेर रही थी तत्पश्चात वे फ्लावर पॉलीहाउस पहुंचे, जहां जरबेरा फूल की खेती लहलहा रही थी।

मुख्य विकास अधिकारी ने एम.बी. मशरूम प्लांण्ट, एम.बी. फूड प्रोसेसिंग प्लांण्ट तथा एम.बी. पॉलीहाउस द्वारा बुग्गावाला में उद्यमिता के क्षेत्र में दिये जा रहे योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा नई पीढ़ी को बुग्गावाला क्षेत्र में स्थापित किये गये इन उद्यमों से प्रेरणा लेकर अपना निजी व्यवसाय स्थापित करने की सलाह दी।

इस अवसर पर परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, जिला उद्यान अधिकारी ओम प्रकाश, बीडीओ भगवानपुर सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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