भाजपा-कांग्रेस के कई नेता ‘पुत्र’ विधानसभा चुनाव-2022 लड़ने को हैं तैयार, ये हैं टिकट के दावेदार
उत्तराखंड की राजनीति में वंशवाद का झंडा बुलंद करते हुए, भाजपा-कांग्रेस के कई दिग्गज नेता आगामी विधानसभा चुनाव-2022 में अपने परिजनों को टिकट दिलाने की जुगत में लगे हैं। इनमें से कुछ जहां खुद की जगह बेटे-बेटी को टिकट देने की पैरवी कर रहे हैं वहीं, कुछ खुद सदन में मौजूद रहते हुए अपनों को भी सत्ता के गलियारों से परिचित कराने की तैयारी में हैं।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने में दो माह से कम ही समय शेष है। ऐसे में तमाम पार्टियों में टिकट के दावेदार सामने आने लगे हैं। इसमें कुछ ऐसे भी हैं जो अपनी पारिवारिक विरासत पर हक जता रहे हैं। कुछ मामलों में बुजुर्ग हो चुके नेता स्वेच्छा से रिटायरमेंट की मांग करते हुए, ‘जनसेवा’ की जिम्मेदारी अपने परिजनों को देना चाहते हैं। इससे क्षेत्र में पहले से सक्रिय दूसरे कार्यकर्ताओं में असंतोष पनप रहा है।
वैसे प्रदेश की राजनीति में पारिवारिक कोटा कई तरह से चलन में है। विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने के साथ ही किसी भी विधायक के निधन से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव में भी दिवंगत नेता के परिजनों को ही प्राथमिकता दी जाती है। मौजूदा विधानसभा में ही मुन्नी देवी, चंद्रा पंत व महेश जीना, इसी तरह निर्वाचित होकर सदन में पहुंचे हैं।