उत्तराखंड नही तोड़ पाया 2017 का वोटिंग रिकॉर्ड, 2022 में कम वोटिंग प्रतिशत की ये हैं वजह

उत्तराखंड नही तोड़ पाया 2017 का वोटिंग रिकॉर्ड, 2022 में कम वोटिंग प्रतिशत की ये हैं वजह

कोविड के साए में हुए विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड के मतदाताओं ने भरपूर जोश दिखाया। प्रदेश में करीब 62.5 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। हालांकि पहाड़ी क्षेत्रों में नेटवर्क संबंधित दिक्कत के चलते निर्वाचन आयोग के राज्य कंट्रोल रूम के पास देर शाम तक पूरी सूचनाएं नहीं आ पाई थी, इस कारण आयोग मतदान के अंतिम आंकड़े मंगलवार तक ही जारी कर पाएगा।

सोमवार को उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हुआ। जो कई जगह तय समय सीमा शाम छह बजे के बाद भी जारी रहा। मतदान समाप्ति के बाद निर्वाचन आयोग ने पूरे प्रदेश में 62.5 प्रतिशत मतदान होने की जानकारी दी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बताया कि सोमवार देर रात तक 9,385 पोलिंग पार्टियां जिला मुख्यालय में लौट आई हैं। जबकि दूरस्थ क्षेत्रों की 2,312 पोलिंग पार्टियां मंगलवार को ही वापस होंगी, इसके बाद ही मतदान के अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे।

इस कारण कुल मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी की उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले साल 2017 के दौरान प्रदेश में 65.64 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था। प्रदेश में लगातार तीसरी बार मतदान प्रतिशत साठ प्रतिशत से अधिक रहा है। पूरे प्रदेश में मतदान शांतिपूर्वक तरीके से सम्पन्न हुआ। नैनीताल जिले में एक मतदान कर्मी को हार्ट अटैक की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है।

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