सुप्रीम कोर्ट के 42 अधिवक्ताओं ने CM धामी को लिखा खुला पत्र
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने उत्तराखंड में हरिद्वार धर्म संसद समेत अन्य कई घटनाओं को लेकर चिंता जताई है। वहीं उन्होंने कॉमन सिविल कोड लागू किए जाने के बयानों को भी प्रदेश के लिए नुकसानदायक बताया है। सुप्रीम कोर्ट के 42 वरिष्ठ वकीलों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को खुला पत्र लिखा है।
इनमें बिहार हाईकोर्ट पूर्व जज अंजना प्रकाश, वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारीख, प्रशांत भूषण, एनडी पंचोली, राजू रामचंद्रन, गोपाल शंकरनारायणन, चंदर उदय सिंह आदि शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट ऑन रिकार्ड पियोली ने बताया कि अधिवक्ता समाज का चिंतक होता है।
उत्तराखंड एक शांत प्रदेश है, लेकिन पिछले कुछ सालों में जो घटनाएं यहां हुई हैं, उससे चिंतित हैं। राज्य में शांति भंग करने की कोशिश की जा रही है। कॉमन सिविल कोड लागू करने के बयान देकर अल्पसंख्यक समुदायों को दोयम दर्जे का बताने का प्रयास हो रहा है। हरिद्वार धर्म संसद में जिस तरह से बयानबाजी की गई, वह समाज हित में ठीक नहीं थी। सरकार ने भी उसमें उचित कार्रवाई नहीं की।
कॉमन सिविल कोड बिना सभी समुदायों के एक साथ आए नहीं लागू किया जा सकता है। पत्र में हाल ही में कई घटनाओं समेत 2017 से 2018 सतपुली, मसूरी, आराघर देहरादून, कीर्तिनगर, हरिद्वार, रायवाला, कोटद्वार, चंबा, अगस्त्यमुनि, डोईवाला, घनसाली, रामनगर, रुड़की आदि की घटनाओं का जिक्र किया गया। पत्र में कई विवादित वीडियो, न्यूज चैनलों के क्लिप और अखबारों में छपी खबरों के लिंक दिए गए हैं।