दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को कर सकता है सुनवाई, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट पर दायर याचिकाओं पर 20 जुलाई को सुनवाई कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े दोनों ने विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
शिवसेना सांसद संजय राउत ने मांग उठाई है कि पार्टी के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर जब तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला नहीं आ जाता तब तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। राउत ने एकनाथ शिंदे की सरकार के नए मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी की भी आलोचना की।
राउत बोले- दो लोगों का मंत्रिमंडल मनमाने ढंग से चला रहा
उन्होंने ट्वीट किया, ‘बारबाडोस की जनसंख्या ढाई लाख है और वहां के मंत्रिमंडल में 27 सदस्य हैं। महाराष्ट्र की 12 करोड़ आबादी को दो लोगों का मंत्रिमंडल मनमाने ढंग से चला रहा है। संविधान का मान कहां रखा गया है?’ राउत ने मांग उठाई कि शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर जब तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला नहीं आ जाता तब तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।