चुनावों में मुफ्त वादों पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट ने ‘रेवड़ी कल्चर’ केस को 3 जजों की बेंच को भेजा
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आज राजनीतिक दलों के द्वारा बनाए गए ‘रेवड़ी कल्चर’ के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाए जाने की उम्मीद थी। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले को तीन जजों वाली बेंच को भेज दिया है। राजनीतिक दलों द्वारा ‘मुफ्त उपहार’ पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि लोकतंत्र में सच्ची शक्ति मतदाताओं के पास होती है और मतदाता ही पार्टियों और उम्मीदवारों का न्याय करते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘मुफ्त उपहार’ के मुद्दे की जटिलता को देखते हुए इस मामले तो तीन जजों की बेंच के पास भेजा गया है।
आपको बता दें कि सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव में किए गए मुफ्त वाले वादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आज सीजेआई रमना रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि इस मामले पर फैसले आ सकते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।
बीजेपी नेता ने दायर की है जनहित याचिका
दिल्ली बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका ने देश में “रेवाड़ी कल्चर” पर एक बड़ी बहस शुरू कर दी है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा था कि अदालत को राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के दौरान इस तरह की घोषणा को लेकर विचार करना होगा। इस दौरान कोर्ट ने कल्याणकारी योजनाएं और मुफ्त के वादे के बीच का अंतर भी बताया था।