एडीजी वी मुरुगेशन ने उत्तरकाशी में डाला डेरा, लोगों से मुलाकात कर लेंगे जानकारी

एडीजी वी मुरुगेशन ने उत्तरकाशी में डाला डेरा, लोगों से मुलाकात कर लेंगे जानकारी

उत्तरकाशी में पुरोला के गांव में धर्मांतरण मामले में पुलिस की कार्रवाई पर नजर रखने के लिए एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन को उत्तरकाशी भेजा गया है। एडीजी वहां तीन दिनों तक कैंप करेंगे। धर्मांतरण मामले में पादरी और उसकी पत्नी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी ओर से भी कई लोगों के खिलाफ मारपीट व अन्य धाराओं में मुकदमा हुआ है। धर्मांतरण सिर्फ एक नहीं बल्कि दूसरे गांवों में भी कराया गया है। इसकी पुलिस जांच कर रही है। डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन को उत्तरकाशी भेजा गया है। इस दौरान वह पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग और क्षेत्र के लोगों से मुलाकात करेंगे।

एनडीपीएस के मुकदमों की भी होगी समीक्षा 
उत्तरकाशी जिले में नशा तस्करी से संबंधित मुकदमों में विवेचनाएं ढीली हैं। न्यायालय ने भी इसका संज्ञान लिया है। नशा तस्करी में देहरादून जिले के चकराता आदि क्षेत्र भी शामिल हैं। लिहाजा एडीजी वहां एनडीपीएस के मुकदमों की समीक्षा भी करेंगे। उनकी प्रगति के लिए क्राइम मीटिंग भी होगी। एडीजी ने बुधवार को चकराता क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ चौपाल भी लगाई। उनसे नशा तस्करी रोकने के लिए पुलिस का सहयोग करने की अपील की गई है।

पुराने कानून के तहत होगी धर्मांतरण मामले में कार्रवाई
धर्मांतरण मामले में पुलिस ने पुराने कानून के तहत ही कार्रवाई की है। नए कानून अधिसूचना अभी पुलिस को नहीं मिली है। वहीं न्यायालय में अवकाश होने के कारण पुलिस 164 के तहत बयान दर्ज नहीं कर पाई है। पुलिस का कहना है कि न्यायालय खुलते ही बयान दर्ज करा लिए जाएंगे। जल्द ही आरोप पत्र भी दायर किए जाएंगे।

पुरोला धर्मांतरण मामले में पुलिस हर एक पहलू को देखकर जांच कर रही है। साथ ही क्षेत्र में जासूसी एंजेंसियां भी सक्रिय हैं। अभी तक पुलिस धर्मांतरण कानून को लेकर स्पष्ट नहीं है। पुलिस नए धर्मांतरण कानून की अधिसूचना के बारे में भी जानकारी जुटा रही थी।
अब पुलिस पुराने कानून के तहत की मामले में कार्रवाई किए जाने की बात कह रही है। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी का कहना है कि कहना है कि नए कानून की अधिसूचना लागू नहीं हुई है। पुलिस ने लगभग सभी पक्षों के बयान दर्ज कर लिए हैं। अब न्यायालय में 164 के तहत बयान दर्ज होने हैं लेकिन न्यायालय में अवकाश होने के कारण बयान दर्ज नहीं हुए हैं। मामले में जल्द ही आरोप पत्र भी दायर कर लिया जाएगा।

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