घर-घर चंदा इकट्ठा कर खंडहर स्कूल काे बनाया स्मार्ट, पंजाब के शिक्षक जगतार सिंह के प्रयासों को मिलेगा राष्ट्रीय अवार्ड
एक वक्त ऐसा था कि अनसेफ घोषित किए जा चुके स्कूल के कमरों में बच्चे और अध्यापक बैठने को मजबूर थे। ऐसे मंजर में एक अध्यापक ने अपनी तैनाती के बाद सबसे पहला काम स्कूल को स्मार्ट बनाने का किया। क्षेत्र के समाज सेवी संगठनों, एनआरआइज से मदद मांगने के अलावा घर-घर जाकर चंदा इकट्ठा किया। इस अध्यापक की मेहनत का नतीजा यह निकला कि आज खमाणो के गांव मनैला के सरकारी प्राइमरी स्कूल की मिसाल पंजाब में नहीं बल्कि देशभर में दी जा रही है।
अध्यापक जगतार सिंह की मेहनत को देखते हुए उनका नाम राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने वालों में शामिल हुआ है। वे पांच सितंबर को अध्यापक दिवस पर यह अवार्ड लेकर पंजाब का नाम देशभर में रोशन करेंगे। जगतार सिंह ईटीटी अध्यापक हैं। वर्ष 2006 में वह शिक्षा विभाग में तैनात हुए। वर्ष 2016 में उनका अपने पैतृक ब्लाक खमाणों के गांव मनैला के सरकारी प्राइमरी स्कूल में तबादला हुआ। स्कूल के खंडहर कमरों को देखकर पहले तो यह सोचा कि कहां तबादला करवा लिया। इसके बाद उन्होंने हिम्मत दिखाई और स्कूल को सच में शिक्षा का मंदिर मानते हुए नुहार बदलने का प्रण लिया।