विधानसभा चुनाव आते ही कर्मचारियों ने राजनैतिक दलों पर बनया दबाव, कहा-घोषणापत्र में शामिल हों मांगें
राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र को फाइनल करने में लगे हैं। ऐसे में कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को भी चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा बनाने को दबाव बनाना तेज कर दिया है। सभी कर्मचारी संगठनों की मांग है कि ऐसी मांगे जिससे सभी कर्मचारी जुड़े हैं, उन्हें घोषणा पत्र का हिस्सा बनाया जाए। एसीपी की पुरानी व्यवस्था समेत पुरानी पेंशन बहाली की मांग को पूरा करने को दबाव बनाया जा रहा है।
फरवरी के पहले सप्ताह में सभी दलों का चुनावी घोषणा पत्र सामने आ जाएगा। इसे देखते हुए कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि कर्मचारियों से जुड़ी मांगों को घोषणा पत्र में शामिल किया जाए। ताकि राजनीतिक दलों पर बाद में सरकार आने पर दबाव बना कर रखा जा सके। ऐसी मांग, जिससे सभी कर्मचारी जुड़े हैं। उन्हें प्रमुखता से उठाया जा रहा है। इनमें एसीपी की पुरानी व्यवस्था 10, 16, 26 वर्ष को लागू किया जाना है।
पॉवर सेक्टर में सरकार पहले ही कर्मचारियों की मांग के अनुसार पुरानी एसीपी 9, 5, 5 वर्ष को लागू कर चुकी है। अब शेष राज्य और निगम कर्मचारियों को 10, 16, 26 वर्ष का लाभ दिया जाना है। इसके साथ ही अक्तूबर 2004 के बाद सेवा में आए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने की मांग की जा रही है। यूपी में समाजवादी पार्टी की तरह सभी दलों से अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को शामिल करने का दबाव बनाया जा रहा है।