यूक्रेन में फंसे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्राें का बुरा हाल, जानिए कैसे काट रहे हैं रात-दिन
यूक्रेन के खारकीव में मेडिकल की पढ़ाई को गए अस्मिता (साक्षी)थपलियाल और उनके भाई विनायक थपलियाल पिछले कई घंटों से अपने हॉस्टल की बेसमेंट में शरण लिए हुए हैं। पुरोला उत्तरकाशी के रहने वाले ये दोनों भाई-बहन रोजाना अपने परिजनों से वीडियो कॉल, व्हाट्सएप कॉल पर अपनी कुशलता की जानकारी दे रहे हैं। पिछले दो दिनों से वह पोहा खाकर दिन बिता रहे हैं।
कारगी के हिमालयन पब्लिक स्कूल के समीप समृद्धि एन्क्लेव में उनकी मां रुक्मणी थपलियाल बहुत परेशान हैं। पिता राजेन्द्र थपलियाल का नैटवाड़ में क्लीनिक है। वह वहीं से अपने बच्चों का कुशलक्षेम पूछ रहे हैं। रुक्मणी ने बताया कि बच्चों से लगातार बात हो रही है। बच्चे डरे हुए हैं। उनके कॉलेज की ओर से पहले ही सभी छात्रों को बेसमेंट में भेज दिया गया था।
गुरुवार को भारतीय एम्बेसी के सुझाव पर छात्रों ने नजदीकी मॉल से खाने-पीने का कुछ सामान भी खरीदा था। हॉस्टल प्रबंधन ने छात्रों को अपने कमरों में खाना बनाने की इजाजत भी दी थी। लेकिन मौजूदा संकट को देखते हुए सभी छात्रों ने एक ही बार खाने का फैसला किया है।