सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़िता के परिवार को सुरक्षा, फरार आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
हाई कोर्ट ने पिथौरागढ़ में 14 साल की नाबालिग लड़की को बहला फुसला कर भगा ले जाने व उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की घटना से संबंधित स्वतः संज्ञान ली गई याचिका पर सुनवाई की।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में सरकार की तरफ से कहा गया कि एसपी ने मौका मुआयना किया है। पीड़िता व उसके परिवार को सुरक्षा दे दी गयी है। दो फरार आरोपियों के खिलाफ पिथौरागढ़ जिला अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं, आगे की जांच जारी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 11 मई के लिए नियत कर दी।
हाई कोर्ट ने एक शिकायती पत्र का स्वतः संज्ञान लिया था। जिसमें कहा था कि पहली मार्च 2022 को शिवरात्रि के पिथौरागढ़ निवासी एक व्यक्ति ने अपनी 14 साल की नाबालिग लड़की के मंदिर जाने व वापस घर न आने की रपट थाना जाजरदेवल में दर्ज कराई थी।मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी पिथौरागढ़ लोकेश्वर सिंह ने नाबालिग गुमशुदा की तलाश को टीम गठित की। थानाध्यक्ष जाजरदेवल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने संभावित स्थानों पर तलाशी अभियान चलाते हुए गुमशुदा पीड़िता को छह मार्च को रावलगांव क्षेत्र से बरामद कर लिया था।
मेडिकल परीक्षण के बाद न्यायालय के समक्ष आईपीसी की धारा- 164 के तहत बयान दर्ज कराये गए। बयान में नाबालिग ने बताया कि उसको नशा देकर आधा दर्जन लड़कों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। इस दौरान उसे अपने साथ ही रखा। सात मार्च को पुलिस ने चार आरोपियों संजय कुमार उर्फ संजू, नीरज कुमार, प्रकाश राम तथा किशोर शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि अन्य आरोपितों की तलाश जारी है। पत्र में यह भी कहा गया है कि घटना होने के छह दिन बाद पुलिस हरकत में आई जबकि सीसीटीवी फुटेज पुलिस को पहले ही दे दी थी।