ग्रामीण महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर सीएमओ आफिस पर गरजी आधी आबादी

ग्रामीण महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर सीएमओ आफिस पर गरजी आधी आबादी

वीरागंना ग्राम पंचायत महिला जनप्रतिनिधि संगठन सीएमओ कार्यालय पर गरजा। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का तत्काल निदान करने की मांग की। चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को दरकिनार किया गया तो वह सड़कों पर उतर कर अपने हकों की जंग शुरू करेंगे।

शुक्रवार को महिला संगठन नारेबाजी के साथ सीएमओ कार्यालय धमका। वहां प्रदर्शन किया। कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ के हाल बेहाल हैं। वहां एक महिला डाक्टर हैं। वह अवकाश पर रहती हैं तो अतिरिक्त महिला डाक्टर नहीं होने से गर्भवतियों को परेशानी होती है।

सरकार के लाख दावों के बावजूद दवा बाहर से लिखी जा रही है। सुदूर गांवों से आने वाली गर्भवती और बच्चों को दवा की पर्ची लेकिर दर-दरक भटकना पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट में डाक्टरों की कमी है। यहां भी दवाइयां बाहर से लिखी जा रही हैं। स्टाफ नर्स के दो पद लंबे समय से रिक्त हैं।

अल्ट्रासाउंड और एक्सरे मशीनों को जंग लग गया है। उन्हें संचालित करने के लिए डाक्टर नहीं हैं। शौचालय, कर्मचारी आवास तक नहीं बन सके हैं। गांवों में एएनएम नियमित नहीं रहती हैं। जिससे गर्भवती और बच्चों का टीकारण प्रभावित हो गया है। उन्होंने रिखाड़ी गांव में मिनी स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना करने की मांग की।रवाइंखाल के नैल, ओखलसों, मालूझाल, खबडोली, गनीगांव की महिलाओं ने एएनएम सेंटर खोलने की मांग की। इस मौके पर गीता तिवारी, विमला देवी, पुष्पा देवी, सुनीता देवी, गंगा देवी, नीमा देवी,विद्या देवी, तारा देवी, हेमा पंत, कविता देवी, मीना देवी मंजू बोरा आदि मौजूद थे।

महिलाएं जिला पूर्ति कार्यालय पहुंची। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगभग आठ परिवारों के राशन कार्ड अभी तक आनलाइन नहीं हैं। जिसके कारण उन्हें सरकारी राशन का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने सीडीओ को भी ज्ञापन सौंपा। कहा कि मनरेगा की मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका है। जिससे महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हैं।

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