एआईसीसी प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा- बीजेपी बौखला गई है, क्योंकि उसकी थ्री डी पॉलिसी है
आरोपों को सिद्ध करके दिखाएं : लांबा
लांबा ने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2002-11 के दौरान लगभग सौ किस्तों में अखबार को 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। इस राशि में से 67 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन और वीआरएस का भुगतान करने के लिए उपयोग किया गया। बाकी की राशि का इस्तेमाल बिजली शुल्क, गृह कर, किरायेदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों के भुगतान के लिए किया गया।
भाजपा के जो लोग नेशनल हेराल्ड को दिए गए इस ऋण को अपराधिक कृत्य के रूप में मान रहे हैं, ऐसा वह विवेकहीनता और दुर्भावना से ग्रसित होकर कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल की ओर से ऋण देना देश के किसी भी कानून के तहत आपराधिक कृत्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड को दिया गया 90 करोड़ रुपये का ऋण नेशनल हेराल्ड और उसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की ओर से चुकाना संभव नहीं था। इसलिए इस ऋण को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित कर दिया गया था। क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इक्विटी शेयरों का स्वामित्व अपने पास नहीं रख सकती थी, इसलिए इस इक्विटी को सेक्शन-25 के तहत स्थापित ‘यंग इंडियन’ नामक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी को आवंटित कर दिया गया।
इसमें अगर किसी तरह का घालमेल किया गया होता तो केंद्र में पिछले आठ साल से भाजपा की सरकार है, अब तक वह बड़ी कार्रवाई कर चुकी होती है। लांबा ने कहा कि अगर कहीं भी कुछ गलत है तो केंद्र सरकार के पास दो साल का और समय है, वह अपने आरोपों को सिद्ध करके दिखाए।