ग्रेड पे पर परिजनों ने की प्रेस कांफ्रेंस, तीन पुलिस कर्मचारी सस्पेंड

ग्रेड पे पर परिजनों ने की प्रेस कांफ्रेंस, तीन पुलिस कर्मचारी सस्पेंड

उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) में पुलिस ग्रेड मामले में परिजनों के मुखर होने के बाद विभाग ने तीन पुलिसकर्मियों को कर्मचारी आचरण नियमावली तोड़ने का आरोप लगाते हुए सस्पेंड कर दिया। निलंबित पुलिसकर्मियों में से एक उत्तरकाशी, दूसरा चमोली और तीसरा पुलिस मुख्यालय में तैनात है। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

रविवार को उत्तरकाशी में तैनात सिपाही कुलदीप भंडारी की पत्नी आशी भंडारी, पुलिस मुख्यालय में तैनात दिनेश चंद की पत्नी उर्मिला चंद और चमोली में कार्यरत हरेंद्र रावत की मां शकुंतला ने प्रेस कांफ्रेंस की थी। तीनों ने जवानों को 4600 ग्रेड-पे देने और ऐसा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी।

विभाग ने सोमवार को तीनों जवानों को निलंबित कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि, कुलदीप और उसकी पत्नी को कई बार समझा चुके हैं कि फोर्स का अनुशासन ना तोड़ें, लेकिन उनका आंदोलन लगातार जारी रहा।

अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं: डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तीन सिपाहियों को निलंबित किया गया है। उनके परिजनों का एक प्रतिनिधि मंडल मिलने भी आया था, उन्हें भी समझाया गया कि वह अपनी मांग उपयुक्त तरीके से रखें। कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निलंबन की ये बताई वजह: अधिकारियों का कहना है कि पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा रविवार को जो 4600 ग्रेड पे के संबंध में प्रेस वार्ता की गई है, वो सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली की धारा 5 (2) एवं 24 (क) का उल्लंघन है। इसके क्रम में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।

निलंबन को गलत ठहराया
निलंबित जवान कुलदीप भंडारी की पत्नी आशी भंडारी ने कार्रवाई को तानाशाही बताते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही है। आशी ने कहा कि, उनके आंदोलन को कमजोर करने के लिए उनके पहले पति को उत्तरकाशी भेजा गया। इस पर वह नहीं झुकीं तो पति को निलंबित कर दिया गया। सोमवार को उन्होंने पुलिस मुख्यालय जाकर डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात की और निलंबन को गलत बताया।

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