चार माह बाद 04 नवंबर से फिर शुरू होंगे मांगलिक कार्य, ये बन रहे हैं ‘शुभ संयोग’
भगवान विष्णु चार महीने बाद 4 नवंबर, शुक्रवार देवउठनी एकादशी को योग निंद्रा से जागेंगे। चातुर्मास समाप्त हो जाएगा। शुभ-मागंलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे। इस दिन माता तुलसी का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह संस्कार कराना शुभ माना जाता है। ज्योतिषी अशोक वार्ष्णेय ने बताया कि इस बार देवउठनी एकादशी को बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है।
विवाह, मुंडन, गृह निर्माण-प्रवेश, नव व्यवसाय जैसे शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। एकादशी तिथि 3 नवंबर को शाम 728 बजे से 4 को शाम 608 बजे तक रहेगी।
पूजन विधि
प्रातकाल गंगा जल मिश्रित जल से स्नान करें। स्वच्छ वस्त्रत्त् धारण कर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। घर के मंदिर में एक चौकी पर पीला वस्त्रत्त् बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र की स्थापना कर पूजन करें। भोग लगा कर आरती करें। शाम को दीप जलाकर आरती करें और भगवान विष्णु से योग निंद्रा से बाहर आने की प्रार्थना करें।
शुभ मुहूर्त
-सुबह 6:35 से 10:42 बजे तक लाभ-उन्नति मुहूर्त
-सुबह 9:20 से 10:42 बजे तक अमृत मुहूर्त
-शाम 5:00 से 6:08 बजे तक भगवान विष्णु जागरण मुहूर्त