घोटाले की जांच अब न्याय विभाग में अटकी, तीन जिलों की रिपोर्ट शासन को सौंपी गई
शासन में मेरी फाइल-तेरी फाइल की प्रवृत्ति से सहकारिता विभाग में जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) में हुई भर्तियों में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट अब न्याय विभाग में अटक गई है। जांच समिति दो महीने पहले ही जांच रिपोर्ट शासन को सौंप चुकी है, लेकिन इस पर कार्रवाई होना तो दूर, अभी तक जांच के तथ्यों का ही खुलासा नहीं किया गया है।
वर्ष 2020 में जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 432 पदों के लिए शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही विवादों में आ गई थी। इसके बाद 29 मार्च 2022 को विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के आदेश पर देहरादून, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ डीसीबी की जांच के आदेश शासन की ओर से दिए गए थे।
मामले में संयुक्त निबंधक सहकारी समितियां नीरज बैलवाल की अध्यक्षता में बनी जांच समिति तीनों जिलों की जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप चुकी है। जांच समिति ने सबसे पहले जून में देहरादून डीसीबी, सितंबर में पिथौरागढ़ और अक्तूबर में ऊधमसिंह नगर डीसीबी की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी।
शासन की मंशा पर भी उठ रहे सवाल