वीआईपी कमरे की थ्योरी को साबित करना टेढ़ी खीर, अंकिता की पुष्प के साथ हुई थी ये आखिरी बात
90 दिनa बाद भी अंकिता हत्याकांड कांड के मुख्य किरदार के नाम का खुलासा नहीं हो सका। ‘वीआईपी गेस्ट आ रहे हैं मंडे को, तुम्हें उन्हें एक्स्ट्रा सर्विस देनी है।’ अंकिता भंडारी की पुष्प से हुई इस बातचीत में यह वीआईपी अब तक पर्दे के पीछे है।
इसमें पुलिस अधिकारियों की थ्योरी है कि वहां वीआईपी कमरा है जिसमें ठहरने वाले को ही वीआईपी कहा जाता है। इस थ्योरी को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी विधानसभा में बता चुके हैं। लेकिन, पुलिस के लिए इस थ्योरी को साबित करना टेढ़ी खीर होगा। सवाल उठता है कि यदि यही थ्योरी है तो पुलिस नार्को टेस्ट क्यों कराना चाहती है? यानी थ्योरी यह नहीं है और इसको शुरुआती पूछताछ के आधार पर ही सबको बता दिया गया है। वाकई कोई वीआईपी है।
यही नहीं, अगर नार्को नहीं हुआ और वीआईपी का नाम सामने आ गया तो यह थ्योरी अपने आप खत्म हो जाएगी। इससे यह भी साबित होता है कि पुलिस ने केवल चंद लोगों की बातों पर विश्वास करने के बाद वीआईपी का नाम ढूंढने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। विपक्ष और जनता के जवाबों में खुद मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विधानसभा में कह चुके हैं कि कोई वीआईपी नहीं था। रिजॉर्ट में वीआईपी कमरे में ठहरने वाले मेहमानों को ही कहते हैं।