अमेरिकी जिमनास्ट सिमोन बाइल्स ने कहा, ओलंपिक के बाद भी मानसिक स्वास्थ की करेंगी वकालत
अमेरिकी जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स ने कभी भी नहीं सोचा था कि उनका दूसरा ओलंपिक उनके खेल के लिए नहीं बल्कि उनके प्रतिस्पर्धा से बाहर होने की वजह ‘मानसिक दबाव से चर्चा का विषय बन जायेगा। लेकिन बाइल्स इस बात से संतुष्ट हैं कि वह बता सकीं कि उचित मानसिक स्वास्थ्य खेलों के सभी स्तर पर अहम भूमिका निभाता है।
बाइल्स ने मानसिक दबाव का हवाला देते हुए टोक्यो ओलंपिक के छह में से पांच फाइनल्स से हटने का फैसला किया था। वह इस बात से खुश हैं कि कम से कम वह बता सकीं कि खिलाड़ियों के पास भी अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बात करने का अधिकार है और भले ही वे कितनी भी सुर्खियों में हों, अगर वे ठीक नहीं हैं तो इसके बारे में बात करने में कोई परेशानी नहीं है।
बाइल्स जापान से टीम प्रतियोगिता का रजत पदक और बैलेंजस बीम में व्यक्तिगत कांस्य पदक लेकर लौंटी थीं। उन्होंने कहा, ‘मैं दुनिया के लिए कुछ नहीं बदलूंगी। मैंने खिलाड़ियों को अपनी मानसिक हालत और उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करने का मंच दिया और वे सीखें कि आप खुद को एक व्यक्ति के तौर पर एक एथलीट से आगे रख सकते हो। बाइल्स अब ओलंपिक के बाद ‘गोल्ड ओवर अमेरिका टूर पर इसी संदेश को सभी तक पहुंचाएंगी। इस विशेष कार्यक्रम में देश के ओलंपिक चैम्पियन भी जुड़ेंगे। एरिजोना के टस्कन में 21 सितंबर से शुरू होने वाला यह कार्यक्रम 35 शहरों में आयोजित किया जाएगा।