सीएम धामी ने पौड़ी के सर्वागीण विकास के लिए विशेष कार्य योजना बनाये जाने के दिए निर्देश

सीएम धामी ने पौड़ी के सर्वागीण विकास के लिए विशेष कार्य योजना बनाये जाने के दिए निर्देश

सीएम धामी ने पौड़ी के सर्वागीण विकास के लिए विशेष कार्य योजना बनाये जाने के दिए निर्देश

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 12 और 13 फरवरी को गढ़वाल मण्डल में मुख्यालय पौड़ी का सघन दौरा किया। उन्होंने साथ ही पौड़ी की निरन्तर हुई उपेक्षा के दर्द को गहराई से महसूस किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना का पूरे प्रदेश में एक साथ शुभारंभ करने के लिए पौड़ी को चुना, वहीं दूसरी और करोड़ों की लागत के विभिन्न विभागीय योजनाओं का शुभारंभ एवं लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा पौड़ी क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणा भी की गयी।

वहीं, 14 फरवरी को पौड़ी दौरे के चलते वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा पौड़ी के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सुन्दरता की और अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया और पौड़ी के सर्वागीण विकास के लिए विशेष कार्य योजना बनाये जाने के निर्देश दिये।

साथ ही पौड़ी के गढ़वाल मण्डल मुख्यालय होने के बावजूद मण्डलीय स्तरीय कार्यालयों का मण्डल मुख्यालय से संचालित न होने का संज्ञान लेते हुए सचिव,मुख्यमंत्री/ जनपद के प्रभारी सचिव को निर्देशित किया है कि एक सप्ताह में अध्ययन करके यह रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि कौन-कौन से ऐसे मण्डल स्तरीय कार्यालय है, जिनका कार्यालय भवन पौड़ी में स्थापित है या स्थापित होना चाहिए और उनका संचालन मण्डल कार्यालय से न होकर राजधानी देहरादून या अन्यत्र से हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक दृष्टि से प्रशासनिक रूप से पौड़ी का विशेष महत्व रहा है और इसी ऐतिहासिकता की दृष्टि से पौड़ी को गढ़वाल मण्डल का मण्डल मुख्यालय बनाया गया। समय के साथ पौड़ी से धीरे-धीरे मण्डल स्तरीय कार्यालयों का देहरादून या अन्यन्त्र स्थानों से संचालित होने की परम्परा शुरू हुई, जिससे पौड़ी मण्डल मुख्यालय का महत्व कम होने लगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी का भ्रमण खत्म होने के तत्काल बाद ही राजधानी देहरादून में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पौड़ी के विकास की कार्य-योजना के साथ-साथ पौड़ी की ऐतिहासिकता और गौरव को पुनः स्थापित किये जाने की आवश्यकता पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के इस प्रयास से उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले वर्षों में पौड़ी अपने गौरव को पुनः प्राप्त कर सकेगा।

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