पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से ही जानता हूं: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से ही जानता हूं: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

पौड़ी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  ने कहा कि किसी भी देश या राज्य की नियति का फैसला, वहां की सरकार की नियत से तय होता है। पुष्कर सिंह धामी ने बिल्कुल सही नारा दिया है कि सरकार का दृढ़ इरादा, बातें कम काम ज्यादा। बातें कम होनी चाहिए लेकिन काम ज्यादा होना चाहिए। पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से ही जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और कुछ कर गुजरने की जज्बा भी है। क्रिकेट की भाषा में कहें तो 20-20 के मैच में धामी जी को आखिरी ओवर में उतारा गया है। धामी जी धाकड़ बल्लेबाज हैं। उन पर उत्तराखण्ड के लोगों की बहुत सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट व अन्य महानुभावों की उपस्थिति में  वीर चंद्र सिंह गढवाली जी की पुण्यतिथि के अवसर पर पीठसैंण, पौड़ी गढ़वाल में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। कार्यक्रम में दीनदयाल उपाध्याय योजना के लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए और ‘घस्यारी कल्याण योजना’ के लाभार्थियों को किट वितरित किए गए।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को श्रद्धांजलि देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली एक सच्चे सैनिक तो थे ही, साथ ही वे एक प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली कर्म और धर्म दोनों से सैनिक थे।उत्तराखण्ड की धरती, भारत ही नहीं पूरी दुनिया में देवभूमि के नाम से जानी जाती है। मगर यह देवभूमि, एक वीरभूमि और तपोभूमि भी है। उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुए बीस वर्ष ही हुए हैं परंतु यहां का इतिहास और परम्पराएं सदियों पुरानी हैं। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, माधो सिंह भण्डारी और तीलू रोतेली की बहादुरी के गीत गढ़वाल के गांव-गांव में गाए जाते हैं।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि किसी भी देश या राज्य की नियति का फैसला, वहां की सरकार की नियत से तय होता है। पुष्कर सिंह धामी ने बिल्कुल सही नारा दिया है कि सरकार का दृढ़ इरादा, बातें कम काम ज्यादा। बातें कम होनी चाहिए लेकिन काम ज्यादा होना चाहिए। पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से ही जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और कुछ कर गुजरने की जज्बा भी है। क्रिकेट की भाषा में कहें तो 20-20 के मैच में धामीजी को आखिरी ओवर में उतारा गया है। धामी जी धाकड़ बल्लेबाज हैं। उन पर उत्तराखण्ड के लोगों की बहुत सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं। पूरा विश्वास है वे इन उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।अमृत महोत्सव के दौरान गढ़वाली जी की प्रतिमा का अनावरण सुखद संयोग

रक्षा मंत्री ने कहा कि गलवान में मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारी सेना के वीर जवानों ने देश के मान सम्मान की रक्षा की। यह सुखद संयोग है कि आज जब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की प्रतिमा का अनावरण हो रहा है तो देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले साढे सात वर्षों में मिशन मोड में काम हुआ है। चालीस साल तक देश के पूर्व सैनिकों को ओआरओपी के लिए इंतजार करना पड़ा। मगर मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ओआरओपी लागू कर दिया।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत बना विकास का पुजारी
उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व को देखते हुए बीआरओ द्वारा यहां पर 1000 किमी लम्बी सड़कों के निर्माण पर काम चल रहा है। इन सड़कों के बन जाने से जहां सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से देश को लाभ होगा वहां आर्थिक दृष्टि से प्रदेश की जनता को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। भारतीस सीमा के आखिरी गांव माना तक सड़क की ब्लेक टॉपिंग का काम चल रहा है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। अब लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर यात्रा पर जाना सुगम हो गया है। यह रास्ता आर्थिक और सामरिक दुष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह रास्ता भारत और नेपाल को और करीब लाने में सहायक होगा। नेपाल हमारे लिए केवल एक मित्र देश नहीं है बल्कि उसके साथ हमारा परिवार जैसा संबंध है। भारत शांति का पुजारी तो हमेशा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अब भारत को विकास का पुजारी भी बना दिया है।
मुख्यमंत्री स्वस्थ उत्तराखण्ड योजना का शुभारम्भ, मुख्यमंत्री ने की अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में ’मुख्यमंत्री स्वस्थ युवा, स्वस्थ उत्तराखंड योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य के समस्त 7795 ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थानों पर एक-एक ओपन जिम ( मुख्यमंत्री ग्रामीण युवा फिटनेस सेन्टर) खोला जायेगा। ’वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक लग्जरी बसों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी की मौजूदा अधिकतम सीमा को 15 लाख रूपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपए किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में गैर वाहन पर्यटन उद्यम के लिए 33 प्रतिशत सब्सिडी की मौजूदा अधिकतम सीमा को 14 लाख रूपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपए किया जायेगा। दीन दयाल गृह आवास योजना के अंतर्गत होमस्टे स्थापित करने वाले उद्यमियों को सब्सिडी कुल लागत की मौजूदा 33 प्रतिशत या रू0 10 लाख, जो भी कम से बढ़ाकर सब्सिडी कुल लागत का 33 प्रतिशत या रू० 12 लाख, जो भी कम हो, किया जाएगा।

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