बर्खास्त सिपाही बांग्लादेश बॉर्डर से गिरफ्तार, लाखों की धोखाधड़ी को दिया था अंजाम

बर्खास्त सिपाही बांग्लादेश बॉर्डर से गिरफ्तार, लाखों की धोखाधड़ी को दिया था अंजाम

बर्खास्त सिपाही बांग्लादेश बॉर्डर से गिरफ्तार, लाखों की धोखाधड़ी को दिया था अंजाम

देहरादून: लाखों रूपये की धोखाधड़ी में वांछित चल रहे पचास हजार के ईनामी को एसटीएफ ने बांग्लादेश बार्डर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी दिल्ली पुलिस का बर्खास्त सिपाही है जिसने राजधानी देहरादून में अपने साथियों सहित लाखों की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ ने उत्तराखंड के टॉप इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर ऑपरेशन इनामी लगातार चलाया जा रहा है| जिसमें अब तक 35 इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

इस क्रम में थाना रायपुर से गैंगस्टर एक्ट में फरार जोगिन्दर सिंह पुत्र रघबीर सिंह निवासी खेडीसाद थाना सांपला रोहतक हरियाणा जिस पर 50 हजार रूपये का ईनाम घोषित है उसकी गिरफ्तारी के सम्बन्ध मे उसके गृृह राज्य हरियाणा, दिल्ली एवं बिहार में टीमो को रवाना किया गया। इस दौरान एसटीएफ टीमों को पता चला कि उक्त ईनामी अपराधी पश्चिम बंगाल में कहीं रह रहा है।

इस पर एस.टी.एफ. ने कार्यवाही करते हुए उसे बांगलादेश बार्डर, होबरा,पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया। जोगिन्दर, होबरा में अपनी महिला मित्र बलिता दास (काल्पनिक नाम) के साथ रह रहा था| बलिता वहां कि मूल निवासी है| जोगिन्दर वहां पर आन लाइ्न शेयर व क्रिप्टो करेन्सी की ट्रैडिंग का कार्य कर रहा था। उक्त अपराधी पूर्व में दिल्ली पुलिस में सिपाही था। जिसे लगभग 20-25 वर्ष पूर्व इसके कुकृत्यों के कारण दिल्ली पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी ने अपने 7 साथियों के साथ मिलकर जनपद देहरादून थाना रायवाला क्षेत्र में एयरवेज इन्टरप्राईजेज नाम की एक फाईनेन्स कम्पनी खोली थी। जिसमें जनता को 15 दिन में किस्तों के आधार पर डेढगुना पैसा वापस करने का लालच देकर कम्पनी में निवेश कराया गया था।

बताया कि 10 अगस्त 2019 को थाना रायपुर पुलिस द्वरा कम्पनी पर छापा मारकर 7 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्यवाही की गयी थी। जिसके पश्चात् उक्त अपराधी लगातार फरार चल रहा था जिसकी गिरफ्तारी पर उत्तराखण्ड पुलिस ने 50 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया था। जिसे अब न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

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