चित्रा रामकृष्णन से जुड़े NSE केस में CBI की बड़ी कार्रवाई, 10 ठिकानों पर छापा
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) के अधिकारियों ने 21 मई की सुबह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में छापेमारी की है। CBI ने दिल्ली, मुंबई, नोएडा और गुरुग्राम सहित देश के कम से कम 10 शहरों में छापा मारा है। ये छापे ब्रोकर्स के ठिकानों पर मारे गए हैं।
2018 में दर्ज की गई थी प्राथमिकी
बता दें कि देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में कथित अनियमितताओं पर 2018 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। NSE की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण इस केस में टॉप आरोपियों में से एक हैं। इस सप्ताह दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से भी इनकार कर दिया था। मैनेजमेंट पर एक ‘हिमालयी योगी’ के साथ उनके ईमेल के आदान-प्रदान का हवाला बाजार नियामक सेबी ने एक रिपोर्ट में दिया है।
ओपीजी सिक्योरिटीज को फायदा पहुंचाने का आरोप
NSE के पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम भी मामले को लेकर आरोपी हैं। रामकृष्ण को को-लोकेशन मामले में 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था जबकि सुब्रमण्यम को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पर दिल्ली के स्टॉक ब्रोकर ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड और उसके मालिक संजय गुप्ता को NSE के ट्रेडिंग सिस्टम में अनुचित पहुंच देने का आरोप लगाया गया है।
रहस्यमय हिमालयी योगी की कहानी
CBI ने पिछले महीने रामकृष्ण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। फरवरी में बाजार नियामक सेबी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि एक ‘रहस्यमय हिमालयी योगी’ रामकृष्ण के काम-काज का मार्गदर्शन कर रहा था। जबकि ऐसी अटकलें हैं कि सुब्रमण्यम ‘योगी’ थे। हालंकि CBI की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। सुब्रमण्यम को शुरू में रामकृष्ण के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में शीर्ष पद पर पदोन्नत किया गया था।