निकाय चुनाव में बुरा हाल देख खिसियाए ओली, फिर अलापा कालापानी और लिपुलेख का राग
स्थानीय निकाय चुनाव में करारी हार के बाद नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बोल फिर बिगड़ गए हैं। उन्होंने उत्तराखंड के कालापानी और लिपुलेख पर दोबारा दावा पेश कर दिया। इतना ही नहीं, गुरुवार को प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से पूछ भी लिया कि कालापानी व लिपुलेख नेपाल का हिस्सा है या नहीं? इसे स्पष्ट करें। हालांकि देउबा ने उनकी इस बयानबाजी को दरकिनार कर अपने अमेरिकी दौरे की तैयारी शुरू कर दी है।
नेपाल की राजनीति के जानकार ओली को चीन समर्थित मानते हैं। चीन के प्रभाव में आकर ही वह समय-समय भारत विरोधी बयानबाजी करते हैं। इसी रुख से वह नेपाली सत्ता में बने रहने की रणनीति भी साधते हैं। लेकिन इस बार उनकी भारत विरोधी नीति उल्टी पड़ी। 13 मई को हुए स्थानीय निकाय चुनाव में बड़ी जीत की उम्मीद लगाई उनकी पार्टी नेकपा (एमाले) को जोर का झटका लगा। मेयर व उपमेयर जैसे महत्वपूर्ण 751 पदों में से नेकपा को मात्र 205 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
शेर बाहदुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस ने सभी कयासों को दरकिनार कर शानदार प्रदर्शन करते हुए 328 पदों पर जीत दर्ज की। प्रचंड के नेतृत्व वाली माओवादी केंद्र को 121 पद मिले। सबसे चौंकाने वाला परिणाम उत्तराखंड से लगे माओवादी गढ़ सुदूर पश्चिम प्रदेश का रहा। यहां भी नेपाली कांग्रेस ने 40 सीटें जीतीं। नेकपा (एमाले) को 25 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
अरुणाचल व लद्दाख के मोर्चे पर शरारत करने वाले चीन की साजिश उत्तराखंड की शांत सीमा को भी संवेदनशील बनाने की है। गढ़वाल मंडल के चमोली जिले की मलारी घाटी के बाड़ाहोती चारागाह में वह समय-समय पर हस्तक्षेप की कोशिश कर रहा है। वहीं, कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में ओली को आगे कर सीमा विवाद को तूल देने की कोशिश कर रहा है।
भारत-नेपाल संबंधों के जानकार सेवानिवृत्त मेजर बीएस रौतेला बताते हैं कि चीन की कोशिश ओली को आगे कर कालापानी विवाद को तूल देने की रही है। वह इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर लेजाकर नेपाल के दावे को मजबूत करना चाहता है। वहीं, सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार चीन पाक अधिकृत कश्मीर की तरह नेपाल में भी विशेष गलियारा बनाना चाहता है, जिसकी पहुंच सीधे पिथौरागढ़ जिले तक होनी है। लेकिन समय रहते नेपाल में सत्ता परिवर्तन हुआ और शेर बहादुर देउबा सरकार का गठन हो गया। इससे चीन की योजना धरी की धरी रह गई। यही कारण है कि अब वह केपी शर्मा ओली के सहारे नए सिरे से माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है।
सुरक्षा मामलों के जानकार कैप्टन भंडारी कहते हैं कि चीन की अपेक्षा नेपाल से सुरक्षा को लेकर चुनौती काफी कम है। लेकिन वहां की गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। चीन की शह पर तत्कालीन ओली सरकार ने 18 मई 2020 में नया नक्शा जारी कर दिया। इसमें पिथौरागढ़ के लिपुलेख, कालापानी, कुटी, नाबी और गुंजी को अपना बता स्वघोषित नयी अंतरराष्ट्रीय सीमा तय कर दी। इसके इतर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की सक्रियता भी नेपाल सीमा को संवेदनशील बनाए हुए है।
भारत-चीन-नेपाल के त्रिकोणीय सीमा पर स्थित कालापानी क्षेत्र सामरिक रूप से बेहद ही महत्वपूर्ण है। नेपाल सरकार का दावा है कि वर्ष 1816 में उसके और तत्कालीन ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई सुगौली संधि के मुताबिक कालापानी उसका इलाका है। हालांकि इस संधि के आर्टिकल पांच में कहा गया है कि नेपाल काली (अब महाकाली) नदी के पश्चिम में पडऩे वाले इलाके में अपना दावा नहीं करेगा। 1860 में पहली बार इस इलाके में जमीन का सर्वे हुआ था। 1929 में कालापानी को भारत का हिस्सा घोषित किया गया और नेपाल ने भी इसकी पुष्टि की थी।
स्थानीय निकाय चुनाव में किसे मिले कितने पद
मेयर व उपमेयर के कुल पद 751
नेपाली कांग्रेस : 328
नेकपा एमाले : 205
माओवादी केंद्र : 121
नेकपा एस : 20
जसपा : 30
लोसपा : 16
अन्य : 31
किस प्रदेश में किसे कितनी सीट
प्रदेश संख्या : 01
नेपाली कांग्रेस 68
नेकपा (एमाले) 47
नेकपा (माओवादी केन्द्र) 12
नेकपा (एकिकृत समाजवादी) 02
जनता समाजवादी पार्टी, नेपाल 02
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल 00
अन्य 05
मधेश प्रदेश
नेपाली कांग्रेस : 46
नेकपा (एमाले) 30
जनता समाजवादी पार्टी, नेपाल 25
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल 14
नेकपा (माओवादी केन्द्र) 09
नेकपा (एकिकृत समाजवादी) 06
अन्य 06
वाग्मती प्रदेश
नेपाली कांग्रेस 58
नेकपा (माओवादी केन्द्र) 27
नेकपा (एमाले) 26
नेकपा (एकिकृत समाजवादी) 05
जनता समाजवादी पार्टी, नेपाल 00
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल 00
अन्य 03
गंडकी प्रदेश
नेपाली कांग्रेस 36
नेकपा (एमाले) 35
नेकपा (माओवादी केन्द्र) 11
नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (एकिकृत समाजवादी) 01
जनता समाजवादी पार्टी, नेपाल 00
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल 00
अन्य 02
लुंबिनी प्रदेश
नेपाली कांग्रेस 48
नेकपा (एमाले) 27
नेकपा (माओवादी केन्द्र) 25
जनता समाजवादी पार्टी, नेपाल 03
लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल 02
नेकपा (एकिकृत समाजवादी)00
अन्य 04
कर्णाली प्रदेश
नेपाली कांग्रेस 32
नेकपा (माओवादी केन्द्र) 23
नेकपा (एमाले) 15
नेकपा (एकिकृत समाजवादी) 04
जनता समाजवादी पार्टी, नेपाल 00
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल 00
अन्य 05
सुदूर पश्चिम प्रदेश
नेपाली कांग्रेस 40
नेकपा (एमाले) 25
नेकपा (माओवादी केन्द्र) 14
नेकपा (एकिकृत समाजवादी) 02
जनता समाजवादी पार्टी, नेपाल 02
लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल 00
अन्य 06
स्रोत : निर्वाचन आयोग व केन्द्रीय तथ्यांक विभाग