चुनावी रैली पर रोक से सियासी दलों को सोशल मीडिया का सहारा

चुनावी रैली पर रोक से सियासी दलों को सोशल मीडिया का सहारा

उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार कोरोना के चलते नई गाइडलाइन तय की है। नये नियमों के तहत राजनीतिक दलों को सार्वजनिक सभाएं और रैलियां न कर मतदाताओं से वर्चुअली संपर्क साधने को कहा गया है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में अपनी जीत तय करने के लिए राजनैतिक दलों और नेताओं की सोशल मीडिया पर निर्भरता बढ़ गई है। रैली, जनसभा और रोड शो पर रोक की वजह से सभी को डिजिटल वार की तैयारी करनी पड़ रही है। मौके की नजाकत को समझते हुए आईटी एक्सपट्र्स ने भी डिजिटल इलेक्शन कैम्पेन के रेट बढ़ा दिए हैं।

चुनावी सभाओं पर चुनाव आयोग की रोक के बाद सोशल मीडिया पर ऑफरों की भरमार आ गई है। आईटी एक्सपट्र्स, सोशल प्लेटफार्म पर पेज के फॉलोअर बढ़ाने के साथ पेज और पोस्ट को बूस्ट करने यानी उसकी पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बनाने के दावे कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने वाले सभी नेता अपनी बात को आमजन तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। फेसबुक पर पोस्ट बूस्ट करने के लिए 400 रुपये में 758 से लेकर 2200 लोगों तक आपकी पहुंच बनाने का ऑफर दिया जा रहा है। यह ऑफर पांच दिन लिए है। 20 हजार रुपये में पांच दिन में ही 37 हजार से 1.10 लाख तक पोस्ट पहुंचा दी जाएगी।

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