विधानसभा चुनाव में हार की नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने गिनाई वजह, कहीं ये बातें
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का मानना है कि कांग्रेस का रामनगर सीट से पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत और लालकुंआ सीट से संध्या डालाकोटी का अंतिम क्षणों में टिकट बदलना अच्छा फैसला नहीं रहा। साथ ही सहसपुर के यूनिवर्सिटी विवाद में भी पार्टी ठीक से अपना पक्ष नहीं रख पाई। बकौल प्रीतम, पूर्व सीएम हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता हैं। हारजीत चलती रहती है।
मीडिया से बातचीत में प्रीतम ने कहा कि जिस व्यक्ति को जिस सीट पर चुनाव लड़ना होता है वहां पांच साल सक्रिय रहना जरूरी है। ऐसा न हो कि फसल बोए कोई और काटने कोई और आ जाए। रणजीत उस सीट पर पांच साल से सक्रिय थे। अंतिम क्षणों में वो सल्ट शिफ्ट कर दिए गए।
इसी प्रकार लालकुंआ में संध्या का टिकट काटने का भी ठीक संदेश नहीं गया। टिकट बदले जाने से गफलत का माहौल भी बन गया था।यूनिवर्सिटी विवाद में भी प्रीतम ने साफगोई से कहा कि यह ऐसा मामला बन गया कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे अपने भाषणों में कोट करने लगे थे।
जबकि ऐसा कुछ था ही नहीं। न हमारे घोषणापत्र में यह बात थी और न ही किसी बड़े नेता ने बयान दिया। पर समय पर इस विषय पर पार्टी अपनी बात को मजबूती से नहीं रख पाई। फिर जिस व्यक्ति ने यह बयान दिया उसे पदाधिकारी बना देना भी ठीक नहीं रहा।
प्रीतम ने कहा कि पूर्व सीएम रावत की लालकुआं सीट पर हार से उनका अस्तित्व खत्म होने की बात कपोल कल्पना है।