अपात्रों को सरेंडर करना ही होगा राशन कार्ड, अब 30 जून तक करा सकते हैं निरस्त
उत्तराखंड सरकार ने अपात्र लोगों को राशन कार्ड स्वयं सरेंडर कराने के लिए एक महीने की मोहलत और दे दी। खाद्य सचिव सचिन कुर्वे के अनुसार अब 30 जून तक लोग अपने राशन कार्ड स्वेच्छा से सरेंडर करा सकेंगे। राशन कार्ड की जांच के लिए एक जून से प्रस्तावित विभागीय जांच अभियान अब जुलाई में चलाया जाएगा। रविवार दोपहर कुर्वे ने इस बाबत आदेश जारी किया।
आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की तीन योजनाओं के तहत सस्ता अनाज दिया जाता है। अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) में वो लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी मासिक आय 15 हजार रुपये से अधिक न हो।
जबकि राज्य खाद्य सुरक्षा योजना पांच लाख रुपये तक सालाना के लोगों के लिए है। अपात्र लोगों के राशन कार्ड की शिकायतें मिलने पर सरकार ने पांच मई से अपात्र को ना-पात्र को हां अभियान शुरू किया। इसके अपात्र लोगों को खुद ही अपने राशन कार्ड जमा कराने की छूट दी गई है।
इसके बाद विभागीय स्तर पर चलने वाले अभियान में पकड़े जाने पर अपात्र के खिलाफ एफआईआर भी होनी है और बाजार भाव से अनाज मूल्य की अभियान के तहत शनिवार शाम तक 30 हजार 458 लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर करा दिए हैं। खाद्य मंत्री रेखा आर्य से लोगों ने अभियान का समय बढ़ाने की मांग की थी।
लोगों का कहना है कि अभी काफी लोगों को अभियान की जानकारी नहीं है। इसलिए यदि समय बढ़ जाएगा तो जो लोग रह गए हैं, वो भी राशन जमा करवा सकते हैं। इस मामले में सीएम धामी ने खाद्य सचिव को अभियान का समय बढ़ाने के निर्देश दिए थे। रविवार का अवकाश होने के बावजूद खाद्य अधिकारियों ने दफ्तर खुलवाकर आदेश जारी कराए।
आय के मानक बढ़ाए जाएं: गरिमा
सरकारी सस्ते अनाज के लिए मासिक आय के मानक पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। पार्टी की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा महरा दसौनी ने कहा कि पांच साल तक सरकार सोई रही। अब चुनाव निपट चुके हैं तो सरकार आम आदमी को राशन कार्ड जांच के नाम पर परेशान करने लगी है। वर्ष 2012-13 में जब एनएफएसए योजना लागू हुई तब मासिक आय का मानक 15 हजार रुपये था। अब महंगाई बढ़ने के कारण मासिक आय का मानक 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करना चाहिए।सभी डीएम और डीएसओ को नई व्यवस्था की जानकारी दे दी गई है। जो भी लोग तीनों खाद्य योजनाओं के मानक को पूरा कर चुके हैं, वे स्वयं ही अपने कार्ड सरेंडर करा दें। 30 जून की अवधि में कार्ड सरेंडर करने वालों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जाएगा।