यूनिफॉर्म सिविल कोड सहित पढ़ें धामी सरकार के 100 दिन के प्रमुख फैसले

यूनिफॉर्म सिविल कोड सहित पढ़ें धामी सरकार के 100 दिन के प्रमुख फैसले

प्रदेश की धामी सरकार ने अपनी दूसरी पारी के पहले 100 दिनों में 2025 का विजन तैयार किया है। इसके लिए सभी विभागों से विकास का रोडमैप मांग लिया गया है जिस पर सरकार आने वाले सालों में अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करेगी।मुख्यमंत्री धामी ने आज गुरुवार को 100 दिन का कार्यकाल पूरा कर लिया है। बकौल धामी, 100 दिन में हमने राज्य के विकास की जो आधारशिला रखी है, वह 2025 में उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए विभागों को अगले पांच वर्षों में पर्यटन, पलायन, स्वरोजगार, अवस्थापना विकास सहित राज्य की तरक्की से जुड़े क्षेत्रों में किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है।

सीएम कहते हैं, हम अपने प्रत्येक संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जनता से जो भी वादे किए गए, उन्हें पूरा करेंगे। हमारी  सरकार के 100 दिन विकास, समर्पण और प्रयास के रहे हैं। जनता ने हम पर जो विश्वास दिखाया, उस पर हमारी सरकार खरा उतरेगी।उनका जोर चुनाव से पहले जनता से किए गए सभी वादे को पूरा करने पर है। इसी लिए इतने कम वक्त में सरकार ने अंतोदय परिवारों को साल में तीन सिलिंडर मुफ्त दिए, बुजुर्ग दंपत्तियों, दिव्यांगों, वृद्धों आदि की पेंशन में बढ़ोतरी की।

समानता : राज्य में समान नागरिक संहिता लागू होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 दिन में हमने समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाई है। कमेटी छह महीने में ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को देगी। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू होगी।
सख्ती : भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं
मुख्यमंत्री कहते हैं, हमारी सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है। उत्तराखंड भ्रष्टाचार मुक्त होगा तो कार्यसंस्कृति में सुधार आएगा। सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र पर हम आगे बढ़ेंगे। धामी राज में ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में आईएएस अधिकारी डॉ. रामविलास यादव को जेल की हवा खिलाई गई।
सौ दिन में लिए प्रमुख फैसले
  • सरकारी दफ्तरों में बायोमीट्रिक उपस्थिति को कड़ाई से लागू किया
  • सचिवालय में सोमवार को नो
  • मीटिंग डे लागू किया
  • व्यापारी बीमा योजना की राशि को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया
  • वीरता पुरस्कार की सम्मान राशि

मगर कुछ  चिंताएं और चुनौतियां भी

पीएम और केंद्रीय वित्त मंत्री से बार-बार गुहार के बाद भी जीएसटी मुआवजा जारी नहीं रह सका।

वरिष्ठ नौकरशाहों को उत्तराखंड में रोके रखना। मुख्य सचिव के प्रतिनियुक्ति पर जाने के संभावना से प्रशासनिक तंत्र में संशय है।
बात-बेबात मंत्रियों और सचिवों के बीच की तनातनी से सरकार को असहज होने से बचाना ।
राज्य के विकास को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक संसाधन जुटाना।

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