धार्मिक उन्माद बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार, उदयपुर हत्याकांड के बाद पुलिस-प्रशासन को किया चौकस

धार्मिक उन्माद बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार, उदयपुर हत्याकांड के बाद पुलिस-प्रशासन को किया चौकस

धामी सरकार धार्मिक उन्माद बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे मामलों में सरकार सख्ती से निपटेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ समन्वय बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के इरादे साफ किए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में गृह विभाग और प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

उदयपुर हत्याकांड को लेकर गृह विभाग और पुलिस प्रशासन को चौकस कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में कहीं कोई अमर्यादित या धार्मिक टिप्पणी करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उदयपुर हत्याकांड को लेकर जब उनसे प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों और गृह विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि धार्मिक, अमर्यादित या उन्माद से संबंधित टिप्पणी पर कड़ी निगरानी रखी जाए।यदि कोई ऐसा काम करता है तो कानून उसके खिलाफ अपना काम करेगा। ऐसे मामले को सख्ती से निपटा जाएगा। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन से पुलिस और जिला प्रशासन को चौकस रहने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर विशेष निगाह रखने को कहा गया है। धार्मिक भावना को प्रभावित करने वाली राज्य में कोई भी हरकत नजर आती है तो ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है।

सरकार के 100 दिन के कार्यों का रिपोर्ट कार्ड रखा

सीएम धामी ने बैठक में अपनी सरकार के 100 दिन के कार्यों का रिपोर्ट कार्ड भी रखा। बैठक में संगठन और सरकार के भावी एजेंडे पर मंथन हुआ। तिलक रोड स्थित आरएसएस प्रांतीय कार्यालय में हुई इस बैठक में संघ की ओर से कार्यवाह अरुण, प्रांत प्रमुख युद्धवीर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, संगठन महामंत्री अजेय कुमार व सभी प्रदेश महामंत्री उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बैठक में अपनी सरकार में लिए गए प्रमुख फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने समान नागरिक संहिता लागू करने के संबंध में गठित कमेटी के बारे में भी बताया। प्रदेश में धार्मिक उन्माद से जुड़ी घटनाओं व बयानों को लेकर भी चर्चा हुई।

मंत्री-सचिव विवाद पर भी चर्चा
बैठक में संघ और संगठन नेताओं ने सरकार के साथ मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में तबादलों को लेकर मंत्री-सचिव विवाद पर भी चर्चा हुई और ऐसे विवादों से बचने की सलाह दी गई। प्रदेश सरकार में दिए जाने वाले दायित्वों की सूची पर मंथन हुआ। सूत्रों के मुताबिक, संगठन के स्तर पर तैयार की गई सूची में संगठन और संघ के वरिष्ठ, अनुभवी और सक्रिय कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देने पर विचार हुआ। सूत्रों के मुताबिक, संगठन से एक दौर की चर्चा के बाद प्रदेश सरकार दायित्वों की पहली सूची जारी कर सकती है।
हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर पर खास फोकस
बैठक में सोशल इंजीनियरिंग पर जोर दिया गया। समाज के हर व्यक्ति को ध्यान में रखकर सरकार की नीति-निर्णय लिए जाने की सलाह दी गई। साथ ही हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले में सांगठनिक गतिविधियों और कार्यक्रमों के जरिये हर वर्ग तक पहुंच बनाने का इरादा जताया गया।

संघ की गतिविधियों में सरकार का सहयोग

संघ के स्तर पर शिक्षा, पलायन, चिकित्सा, परमार्थ से जुड़े कार्यों में सरकार से सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की गई।

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