राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने नहीं पहुंचे भाजपा सांसद सनी देओल, ये नेता भी रहे ‘गायब’
पंजाब के गुरदासपुर से भाजपा सांसद सनी देओल उन आठ सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने सोमवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाला। रिटर्निंग ऑफिसर राज्यसभा के महासचिव ने कहा कि अनुपस्थित रहने वालों में भाजपा और शिवसेना के दो-दो सांसद और कांग्रेस, सपा, एआईएमआईएम और बसपा के एक-एक सांसद थे।सनी देओल और बीजेपी के केंद्रीय मंत्री संजय धोत्रे ने भी वोट नहीं दिया। देओल इलाज के लिए विदेश में हैं, जबकि धोत्रे अस्पताल में भर्ती हैं। बसपा के अतुल सिंह जेल में बंद होने के कारण मतदान नहीं कर सके। शिवसेना के गजानन कीर्तिकर और हेमंत गोडसे अनुपस्थित रहे और एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील भी वोट डालने नहीं आए।
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मुर्मू की वोट हिस्सेदारी लगभग दो-तिहाई तक पहुंचने की संभावना
इससे पहले देश भर के सांसदों और विधायकों ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा में से किसी एक को भारत के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर चुनने के लिए सोमवार को मतदान किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दबदबे और बीजू जनता दल (बीजद), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जैसे क्षेत्रीय दलों के समर्थन के साथ मुर्मू की वोट हिस्सेदारी लगभग दो-तिहाई तक पहुंचने की संभावना है और वह सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली आदिवासी समुदाय की पहली नेता और दूसरी महिला होंगी।
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राष्ट्रपति चुनाव में 99 प्रतिशत से अधिक मतदान
सांसदों ने संसद के कक्ष संख्या-63 में बनाए गए मतदान केंद्र में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। वहीं, विधायकों ने राज्य विधानसभाओं में मतदान किया। देश में 776 सांसदों और 4033 विधायकों सहित कुल 4,809 मतदाता चुनाव में मतदान करने के हकदार हैं, लेकिन मनोनीत सांसदों और विधायकों, तथा विधान परिषद के सदस्यों को यह अधिकार नहीं है। मतदान समाप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में कुल निर्वाचकों में से 99 प्रतिशत से अधिक ने मतदान किया। दिल्ली में, निर्वाचन अधिकारी पी सी मोदी ने बताया कि संसद भवन में 98.90 प्रतिशत निर्वाचकों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
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इन लोगों ने किया संसद में मतदान
निर्वाचन अधिकारी मोदी ने मतदान के बाद संवाददाताओं को बताया कि निर्वाचन आयोग ने 727 सांसदों और 9 विधायकों समेत कुल 736 निर्वाचकों को संसद भवन में मतदान की अनुमति दी थी। भाजपा सांसद सनी देओल समेत आठ सांसदों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। संसद में मतदान करने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल थे।
मुर्मू के पक्ष में जमकर हुई क्रॉस वोटिंग
मतगणना 21 जुलाई को होगी और अगले राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे। नतीजा पहले से ही स्पष्ट प्रतीत होता है लेकिन असम, गुजरात और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में विपक्षी दलों के कुछ विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। वोटों की गिनती होने पर कितने सांसदों और विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, इसका पता चलेगा। असम में, ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) विधायक करीमुद्दीन बरभुइयां ने दावा किया कि राज्य के लगभग 20 कांग्रेस विधायकों ने ‘क्रॉस वोट’ किया। उत्तर प्रदेश में, शिवपाल सिंह यादव ने भी दावा किया कि वह कभी भी यशवंत सिन्हा का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने एक बार उनके भाई और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर ‘‘आईएसआई एजेंट’’ होने का आरोप लगाया था।
ऐसे होता राष्ट्रपति का चुनाव
राष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान की प्रणाली का पालन किया जाता है और पार्टियां अपने सांसदों और विधायकों को मतदान के संबंध में व्हिप जारी नहीं कर सकती हैं। जम्मू कश्मीर में विधानसभा न होने के कारण इस राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है। एक विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है। उत्तर प्रदेश में यह मूल्य 208 है, इसके बाद झारखंड और तमिलनाडु में 176 है। महाराष्ट्र में यह 175 है। सिक्किम में, प्रति विधायक वोट का मूल्य सात है, जबकि नगालैंड में यह नौ और मिजोरम में आठ है।
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, सांसदों को हरे रंग का मतपत्र मिलता है, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग का मतपत्र मिलता है। अलग-अलग रंग से निर्वाचन अधिकारियों को प्रत्येक विधायक और सांसद के वोट के मूल्य का पता लगाने में मदद मिलती है। मतदान की गोपनीयता बनाए रखने का आह्वान करते हुए, निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को अपने मतपत्रों को चिह्नित करने के लिए बैंगनी स्याही के साथ विशेष रूप से डिजाइन की गई कलम जारी की।