फर्जी ढंग से शराब की दुकान का लाइसेंस लेने पर कारोबारी की जमानत खारिज, High Court में हुई सुनवाई
हाई कोर्ट ने शराब कारोबार के लाइसेंस में गड़बड़ी मामले में मुख्य आरोपित नवनीत अग्रवाल की जमानत याचिका निरस्त कर दी है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
फर्जी तरीके से दुकान लेने का आरोप
पिछले वर्ष गौलापार हल्द्वानी निवासी बलकार सिंह ने आरोप लगाया था कि नवनीत ने उनकी फर्जी आइडी लगाकर शराब की कई दुकानें अपने नाम पर आवंटित कर ली हैं। ऐसे में उनको भारी नुकसान हो रहा है। शराब व्यवसायी पर कई जिलों में आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। बलकार सिंह ने उनके नाम से फर्जी तरीके से शराब की दुकान लेने और उनके फर्जी हस्ताक्षरों से उच्च न्यायालय में रिट याचिकाएं लगाने की शिकायत थाना हल्द्वानी में की थी।
हल्द्वानी में दर्ज हुई थी जीरो FIR
मामला पिथौरागढ़ से जुड़ा होने के कारण तब हल्द्वानी थाना ने जीरो एफआइआर थाना कोतवाली पिथौरागढ़ को भेज दी थी। इस मामले में थाना कोतवाली पिथौरागढ़ में धारा 420 में दर्ज प्रथिमिकी संख्या 26/2021 में सतीश कालोनी कालाढूंगी रोड हल्द्वानी निवासी नवनीत अग्रवाल आरोपित है। जांच के बाद थाना कोतवाली पिथौरागढ़ ने इसमें धारा 467, 468 और 471 और बढ़ा दी गई।
चंपावत स्थानांतरित हुआ था केस
आरोपित ने मामले को चंपावत स्थानांतरित करवा लिया और चंपावत पुलिस ने 10 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। 23 मई 2022 को चंपावत जिला एवं सत्र न्यायाधीश कहकशा खान ने आरोपित को जांच में सहयोग नहीं करने को आधार मानते हुए अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने भी 14 सितंबर को अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
19 करोड़ से ज्यादा की वैट चोरी भी की थी
नवनीत अग्रवाल पर सितंबर 2020 में पड़े छापों में 19 करोड़ से ज्यादा का वैट चोरी का मामला पकड़ में आया था। आबकारी विभाग की संस्तुति पर सेस घोटाले उन पर अलग-अलग जिलों में धोखाधड़ी की धाराओं में चार अन्य एफआइआर भी दर्ज हुई थी।