दिवाली से पहले आबोहवा में जहर, दिल-सांस के मरीजों पर संकट; इन शहरों में प्रदूषण स्तर बिगड़ा

उत्तराखंड में दिवाली से पहले आबोहवा बिगड़ने लगी है। चिंता की बात है कि प्रदूषण स्तर बढ़ने से दिल व सांस के मरीजों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। दिवाली खुशियों का त्योहार है। मिठाई से जहां मुंह मीठा होगा, वहीं पटाखों के शोर एवं धुएं से मरीजों पर संकट रहेगा।
उत्तराखंड में दिवाली से पहले ही हरिद्वार एवं देहरादून समेत सात शहरों में वायु की गुणवत्ता का स्तर मध्यम पर पहुंच गया है। जो मरीजों के लिए परेशान करने वाला होगा। ऐसे में छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली पर होने वाली आतीशबाजी से निकला धुआं मरीजों को और परेशान करेगा। विशेषज्ञों ने अपील की है कि जितना हो सके पटाखे कम चलाएं और ग्रीन पटाखों का प्रयोग करें।
रविवार को उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक हरिद्वार में वायु की गुणवत्ता (एक्यूआई) का स्तर 168 और देहरादून में 131 पहुंच गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिवाली से पूर्व कराई गई थर्ड पार्टी मॉनीटिरिंग में यह आंकड़े सामने आए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि एक्यूआई के मध्यम स्तर पर पहुंच जाने से फेफड़े, सांस, दमा एवं दिल के मरीजों, बच्चों एवं बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।