Uttarakhand:आंदोलनकारियों को फिर से आरक्षण देने की तैयारी, कानूनी राय को भेजी आरक्षण की फाइल
उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण देने के रास्ते तलाशने का काम शुरू हो गया है। सरकार ने न्याय विभाग से कानूनी राय लेने के लिए फाइल बढ़ा दी है। हालांकि कानूनी जानकारों का कहना है कि अब सरकार के पास फौरी तौर पर आंदोलनकारियों को आरक्षण देने के लिए अध्यादेश लाने का अकेला विकल्प बचा है।
हाईकोर्ट ने अगस्त 2013 में राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर रोक लगा चुका है। जबकि वर्ष 2018 में आरक्षण का शासनादेश, सरकुलर और अधिसूचना तीनों को खारिज कर चुका है। वर्ष 2015 में हरीश रावत सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए सदन में विधेयक पारित कराया था। तब से यह राजभवन में लंबित पड़ा था। सितंबर, 2022 में धामी सरकार ने इसे पुनर्विचार के लिए वापस मांगा था। हालांकि, सरकार ने दावा किया है कि विधेयक की खामियों को दूर कर वे फिर से आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिलाएंगे, लेकिन अभी इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।