राजभवन ने दो साल में बख्शीश पर खर्चे 22.58 लाख रुपये, 14 लाख से ज्यादा की टिप
उत्तराखंड के राजकोष का पैसा कर्मचारियों को बख्शीश देने, मिठाई बांटने, साड़ी शोरूम के बिल भरने, मंदिर में चढ़ावा चढ़ाने के साथ गोल्फ कोर्स के मेंटिनेंस पर खर्च होता है। ‘हिन्दुस्तान’ की आरटीआई के जवाब में उत्तराखंड राजभवन ने उक्त विवरण दिया है। राजभवन के विवेकाधीन कोष से होने वाले खर्च के लिए उत्तराखंड में अब तक कोई नियमावली भी नहीं बन पाई है।
आपके प्रिय अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने आरटीआई के जरिए, उत्तराखंड राजभवन से वित्तीय वर्ष 2020-21 और 21-22 के दौरान विवेकाधीन कोष से स्वीकृत धनराशि का विवरण मांगा था। इस अवधि में आठ सितंबर 2021 तक बेबी रानी मौर्य राज्यपाल रहीं यानी इसमें उनका 18 माह का कार्यकाल शामिल है। मौर्य अब यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बन चुकी हैं। इसके बाद का लेखा-जोखा वर्तमान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह के कार्यकाल का है।
सूचना के अधिकार के तहत राजभवन से मिले विवरण के अनुसार, पहले साल अलग-अलग मौकों पर टिप मद में 2.84 लाख रुपये खर्च किए गए। इसके अगले साल टिप का खर्च 11.44 लाख रुपये के आंकड़े तक पहुंच गया। इस तरह राजभवन ने दो साल में टिप देने पर ही 14.29 लाख रुपये खर्च होने बताए हैं। टिप के अलावा कर्मचारियों को विभिन्न मौकों पर प्रोत्साहन स्वरूप भी कुल 8.29 लाख रुपये प्रदान किए गए। इस तरह बख्शीश की कुल रकम 22.58 लाख रुपये के पार पहुंच रही है।