पीएमएचएस संवर्ग के 61 डॉक्टरों की सेवा समाप्त, लंबे समय से गैर हाजिर चलने पर किया गया बर्खास्त
प्रदेश सरकार ने लंबे समय से बिना अनुमति गैरहाजिर चल रहे 61 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें 43 नॉन बांडधारी और 18 बांडधारी नियमित डॉक्टर शामिल हैं। बर्खास्त डॉक्टरों में अधिकतर की नियुक्ति पर्वतीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में की गई थी।
बांडधारी डॉक्टरों को स्वास्थ्य महानिदेशक के माध्यम से एक सप्ताह का नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद सरकार की ओर से बांड शर्तों के मुताबिक एमबीबीएम फीस की वसूली की जाएगी।
सरकार ने एक बार फिर अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों से बिना अनुमति के अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है।
पर्वतीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्ति होने के कारण ये डॉक्टर लंबे समय से गैरहाजिर थे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीएमओ के माध्यम से कई बार डॉक्टरों को नोटिस देकर तैनाती स्थल पर सेवाएं देने को कहा गया, लेकिन डॉक्टरों की तरफ से विभाग के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया। सरकार की अनुमति के बाद अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर ने 61 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया है।
इन जिलों में तैनात थे डॉक्टर
उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, देहरादून, टिहरी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार जिले के दूरस्थ क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने नॉन बांडधारी और बांडधारी डॉक्टर तैनात किए थे, लेकिन कुछ समय बाद ही डॉक्टर तैनाती स्थल से अनुपस्थित हो गए थे। इसके लिए विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। ये डॉक्टर या तो निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं या अपना क्लीनिक चला रहे हैं।
अभी और डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 109 डॉक्टरों की सूची शासन को कार्रवाई के लिए भेजी गई है, ये बिना बताए अनुपस्थित चल रहे हैं। इनमें से ही विभाग ने 61 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। माना जा रहा है कि बाकी डॉक्टरों पर भी जल्द शासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी।