BSF अधिकार क्षेत्र विवाद: पंजाब सरकार ने रद्द किया केंद्र का नोटिफिकेशन, विधानसभा में प्रस्ताव पारित
आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली के बाद पंजाब ही वह राज्य रहा है, जहां विस्तार पर उसकी नजर रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 117 सीटों में से 20 पर जीत हासिल करके आम आदमी पार्टी ने बड़ी सफलता भी हासिल की थी। लेकिन अब 5 साल बाद जब ‘आप’ को पंजाब की उर्वर जमीन पर वोटों की फसल की उम्मीद है, तब उसे करारा झटका लग रहा है। मंगलवार को ही पार्टी की एक और विधायक रूपिंदर कौर रूबी ने पार्टी का दामन छोड़ दिया। इसके बाद बुधवार को ही उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। वह आप की चौथी विधायक हैं, जिन्होंने पंजाब में कांग्रेस का दामन थाम लिया।
इससे पहले जून में सुखपाल सिंह खैरा समेत तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। खैरा के अलावा भदौर के विधायक पीरमल सिंह और मौर के विधायक जगदेव सिंह खालसा भी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस तरह बीते 5 सालों में आम आदमी पार्टी के विधायकों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। यही नहीं पार्टी अंतर्कलह से भी जूझ रही है। इसी के चलते सुखपाल खैरा ने पार्टी छोड़ी थी और अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें तानाशाह करार दिया था। यही नहीं उन्होंने कहा था कि वह नकली क्रांतिकारी हैं और भाजपा-संघ की ही ‘बी टीम’ के तौर पर काम कर रहे हैं।