पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन ने हरिद्वार जेल में किया सरेंडर, हाईकोर्ट ने बरकार रखी सजा; सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने पर पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन ने सरेंडर कर दिया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व की सजा बहाल रखा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट से भी श्वेताभ सुमन को राहत नहीं मिल सकी। चूंकि, देहरादून से 2019 में श्वेताभ सुमन को हरिद्वार जेल शिफ्ट किया गया था, इसलिए मोहलत ख़त्म होने पर श्वेताभ सुमन ने जिला कारागार रोशनाबाद पहुंचकर सरेंडर किया है।आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सात साल की सजा होने पर श्वेताभ सुमन को 2019 में देहरादून जेल में मोबाइल पकड़े जाने के बाद हरिद्वार जेल शिफ्ट किया गया था। कुछ महीने बाद ही अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया।
इस बीच पिछले पांच मार्च 2022 को नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व की सजा बहाल करते हुए श्वेताभ सुमन, डॉ अरुण कुमार सिंह और राजेंद्र विक्रम सिंह के बेल बांड खारिज करते हुए हिरासत में लेने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्पेशल लीव पिटीशन
इस आदेश के खिलाफ श्वेताभ सुमन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की। लेकिन कोर्ट ने 22 अप्रैल को विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए सरेंडर के आदेश दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर के दिए थे आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई को अपने आदेश में सात दिन के अंदर सरेंडर के आदेश दिए थे। कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर सरेंडर से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी करने को भी कहा था
पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन ने जिला कारागार रोशनाबाद में किया सरेंडर
आखिरकार श्वेताभ सुमन ने जिला कारागार रोशनाबाद पहुंचकर सरेंडर किया है। जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने इसकी पुष्टि की है।